उत्तरप्रदेश में अब हर दो महीनों में एक बार होगी अधिकारियों की बैठक
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने यूपी के सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों एवं सचिवों को आज निर्देश जारी किए है. निर्देश में यह कहा गया है कि अधीनस्थ विभागों के शासकीय कार्यों का स्थानीय स्तर पर संपादन में अनावश्यक विलम्ब को रोकने के लिए एक प्रयोग किया जा रहा है.
लखनऊ: प्रदेश में कई काम इसलिए भी अटके पड़े हैं कि अधिकारियों को उचित समय नहीं मिल पाता. ज्यादातर समय तो बैठकों में ही गुजर जाता है. काम कम और समीक्षा ज्यादा होने लग जाता है. अब इसको देखते हुए मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने सभी सचिवों को एक निर्देश जारी किया जिसमें कहा गया कि शासन और मुख्यालय स्तर पर आयोजित होने वाली बैठकों में जनपदीय अधिकारियों को आवश्यकतानुसार अधिकतम दो महीने में एक बार ही बुलाया जाए.
उन्होंने कहा कि शासन और मुख्यालय स्तर पर जनपदीय अधिकारियों को बैठकों में बार-बार बुलाये जाने से अनावश्यक रूप से कार्य स्थानीय स्तर पर बाधित होता है.
स्मार्ट माध्यमों के जरिए हो अधिकारियों से बातें
यूपी के मुख्य सचिव ने यह निर्देश आज सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों को परिपत्र के जरिए दिया. निर्देशों का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित कराया जाए और निर्देशों का उल्लंघन होने पर सम्बन्धित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाए, इसको भी ध्यान में रखा जा रहा है. राजेन्द्र कुमार तिवारी ने ये भी निर्देश दिए हैं कि आवश्यकतानुसार जनपदीय अधिकारियों से ई-मेल, वीडियो कॉन्फ्रेंस व्हाट्सएप के माध्यम से विभागीय समीक्षा की जाए ताकि अनावश्यक रूप से कार्य बाधित न हो.
निश्चित समय में ही पूरे करने होंगे पत्रावलियों के काम
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने निर्देश दिये हैं कि शासन और विभाग की पत्रावलियों को पत्रावलियां प्राप्त होने की तिथि पर ही निस्तारित की जाए. किसी विशेष कारणवश देरी की दशा में अधितकम तीन दिन में अवश्य निस्तारित कराया जाना होगा. अगर इस निर्देश का पालन नही हुआ तो सम्बन्धित अधिकारी अथवा कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.