लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता सदन यानि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधानसभा सदस्यों की निधि सालाना पांच करोड़ रुपये करने की घोषणा की. मंगलवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री ने विधायकों को तोहफा देते हुए जब विधायक निधि सालाना पांच करोड़ रुपये करने की घोषणा की तो करतल ध्वनि से सत्ता और विपक्ष के सदस्यों ने मेजें थपथपाकर उनका स्वागत किया.


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विधायक इस निधि को अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास कार्यों में खर्च करते हैं. उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा सदस्यों की सालाना निधि अभी तक तीन करोड़ रुपये थी. योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की पहली सरकार (2017-2022) में फरवरी 2020 में विधायक निधि दो करोड़ रुपये से बढ़ाकर तीन करोड़ रुपये की गई थी.


इसके पहले योगी सरकार में ही 2019 में विधायक निधि सालाना डेढ़ करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये की गई थी. नेता सदन ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया. नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सभी सदस्य चाहते थे कि विधायक निधि बढ़ जाए और नेता सदन ने सदस्यों के मन की बात मान ली. उन्होंने नेता सदन समेत सभी के प्रति आभार जताया. अन्य दलों के नेताओं ने भी आभार प्रकट किया.


विधायक निधि के बढ़ने के कारण अब लोगों के बीच विकास कार्यों में तेजी आएगी. माना जा रहा है कि यह राशि बढ़ने के कारण विधायक अपने क्षेत्र में जनता की अधिक से अधिक विकास कार्यों को पूरा कर सकेंगे. सीएम योगी के इस फैसले को लेकर सभी पक्ष और विपक्ष के सभी विधायकों ने सराहना की.


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