देहरादून: उत्तराखंड (Uttarakhand) में आम आदमी पार्टी (AAP) के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी कर्नल (सेवानिवृत्त) अजय कोठियाल (Ajay Kothiyal) आगामी विधानसभा चुनाव में उत्तरकाशी जिले की गंगोत्री सीट से चुनावी समर में उतरेंगे. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उत्तरकाशी में एक जनसभा के दौरान यह घोषणा की. सिसोदिया ने कहा कि इसी के साथ ​पवित्र गंगा नदी के उद्गम स्थल गंगोत्री से उत्तराखंड में स्वच्छ राजनीति के युग की शुरुआत होगी.


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गंगोत्री में जीतने वाली पार्टी की बनती है सरकार
उत्तराखंड में सत्ता में अब तक रहीं कांग्रेस और भाजपा की सरकारों को अपने वादे पूरा न करने का दोषी ठहराते हुए आप नेता ने कर्नल कोठियाल के लिए प्रदेश की जनता से एक मौका मांगा. बता दें कि गंगोत्री का चुनावी इतिहास बहुत दिलचस्प है और यहां से जिस पार्टी का उम्मीदवार विजयी होता है. प्रदेश में सरकार उसी की बनती है. साल 2002 में यहां कांग्रेस के विजयपाल सजवाण चुनाव जीते. तब सूबे में सरकार कांग्रेस की बनी थी. 2007 में बीजेपी के गोपाल रावत ने जीत हासिल की तो सत्ता में बीजेपी आई. 2012 में विजयपाल ने दोबारा चुनाव जीता तो कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई. फिर 2017 में गोपाल रावत गंगोत्री विधायक बने और राज्य में बीजेपी की सरकार बनी. हालांकि, विधायक गोपाल रावत का अप्रैल 2021 में निधन हो गया. 


तीर्थ पुरोहितों की नाराजगी भुनाने का प्रयास
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कोठियाल को गंगोत्री सीट से चुनावी समर में उतारने का निर्णय चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों में देवस्थानम बोर्ड को लागू करने से भाजपा सरकार के प्रति उपजी नाराजगी को आप के पक्ष में भुनाने का प्रयास भी है. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल के दौरान गठित देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की तीर्थ पुरोहित लंबे समय से मांग कर रहे हैं और उनका मानना है कि यह उनके पारंपरिक अधिकारों का हनन है.


उत्तरकाशी में अजय कोठियाल काफी लोकप्रिय हैं. वह नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्रिंसिपल रह चुके हैं. यही नहीं अप्रैल 2021 में विधायक गोपाल रावत के निधन के बाद जब चर्चा उठी थी कि पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत गंगोत्री से चुनाव लड़ सकते हैं तो कर्नल कोठियाल ने उनके खिलाफ उपचुनाव में उतरने का ऐलान किया था.


कौन हैं अजय कोठियाल
कर्नल अजय कोठियाल ने 26 वर्षों तक सेना में अपनी सेवाएं दीं. वह कीर्ति चक्र, शौर्य चक्र और विशिष्ट सेवा मेडल से भी सम्मानित हैं. कोठियाल ने 2013 में आई केदारनाथ आपदा के बाद अपने सैन्य अनुभव को स्थानीय लोगों की मदद के लिए इस्तेमाल किया. वह उत्तरकाशी में नेहरू पर्वतरोहण संस्थान के प्राचार्य भी रह चुके हैं. टिहरी जिले के नरेंद्र नगर ब्लॉक के चौपा गांव के मूल निवासी कोठियाल वर्तमान में देहरादून में रहते हैं और अविवाहित हैं.


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