उत्तराखंड में पास हुआ समान नागरिक संहिता बिल, देश का पहला राज्य बना
विधानसभा में चर्चा के बाद आज समान नागरिक संहिता का बिल ध्वनिमत से पास हो गया. इसी के साथ उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी बिल भी सर्वसम्मति से पास हो गया.
नई दिल्लीः उत्तराखंड से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है. विधानसभा में चर्चा के बाद आज समान नागरिक संहिता का बिल ध्वनिमत से पास हो गया. इसी के साथ उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी बिल भी सर्वसम्मति से पास हो गया. बिल पास होने के बाद अब इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा. राज्यपाल की मुहर लगते ही यह बिल कानून बन जाएगा और सभी को समान अधिकार मिलेंगे.
इस बिल के कानून बनते ही उत्तराखंड में लिव इन रिलेशन में रह रहे लोगों को रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी हो जाएगा. ऐसा नहीं करने पर उन्हें सजा का प्रावधान है.पति या पत्नी के जीवित रहते हुए दूसरी शादी भी गैर-कानूनी मानी जाएगी.
क्या बोले सीएम धामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रेसवार्ता में कहा कि आज उत्तराखंड के लिए विशेष दिन है. मैं विधानसभा के सभी सदस्यों, जनता का आभार व्यक्त करता हूं. उनके समर्थन से ही हम आज ये कानून बना पाए हैं. मैं पीएम मोदी का भी धन्यवाद करना चाहता हूं. ये कानून समानता का है. ये कानून हम किसी के खिलाफ नहीं लाए, बल्कि उन माताओं बहनों का आत्मबल बढ़ाएगा, जो किसी प्रथा, कुरीति की वजह से प्रताड़ित होती थीं.
दो साल में करवाया पास
सीएम धामी ने कहा कि हमने 12 फरवरी 2022 को इसका संकल्प लिया था. इसे जनता के सामने रखा था. करीब दो साल में आज सात फरवरी को हमने इसे सदन से पास करवाया. देश के अन्य राज्यों से भी हमारी अपेक्षा रहेगी कि वह इस दिशा में आगे बढ़ें. साथ ही सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार भी इस बिल को लेकर तैयारी कर रही है.
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