नई दिल्लीः उत्तराखंड के उत्तरकाशी हादसे का आज यानी मंगलवार 28 नवंबर को 17वां दिन है. 12 नवंबर को निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने से 41 मजदूर सुरंग के अंदर ही फंस गए थे. इसके बाद से इन मजदूरों को बाहर निकालने के कई उपाय किए जा रहे हैं. मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अमेरिकी ऑगर मशीन से खुदाई का कार्य किया जा रहा था, लेकिन 48 मीटर की खुदाई के बाद यह मशीन मलबे में फंस गई. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मैन्युअल ड्रिलिंग कराने का किया फैसला
वहीं, ताजा रिपोर्ट की मानें, तो इसके बाद अधिकारियों की ओर से मैन्युअल ड्रिलिंग कराने का फैसला लिया गया. इसके बाद रैट माइनर्स हॉरिजेंटल ड्रिलिंग के काम में लगे हुए हैं. ये अंदर जाकर खुदाई कार्य कर रहे हैं. इनके साथ गैस कटर भी मौजूद है. इस गैस कटर की मदद से मलबे में लोहे के गार्डर जैसे सामान मिलने पर उन्हें आसानी से काट कर निकाला जा सकता है. 


रविवार से शुरू हुआ है ड्रिलिंग का कार्य
वर्टिकल ड्रिलिंग का कार्य रविवार से शुरू हुआ है. वहीं, गुरुवार तक इसके पूरा होने की संभावना है. अभी तक 42 मीटर की गहराई तक यह कार्य पहुंच चुका है. रिपोर्ट्स की मानें, तो मजदूरों को ऊपर से रेस्क्यू करने के लिए कुल 86 मीटर की खुदाई की आवश्यकता है. वहीं, हॉरिजेंटल ड्रिलिंग के लिए दो प्राइवेट कंपनियों की दो टीमों को लगाया गया है. 


मजदूरों के परिजनों से की बातचीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सेक्रेटरी प्रमोद कुमार मिश्रा केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और उत्तराखंड मुख्य सचिव एसएस संधू ने सोमवार को सुरंग हादसे वाली जगह का दौरा किया और ऑपरेशन का पूरा जायजा लिया. रिपोर्ट्स की मानें, तो इस दौरान प्रमोद कुमार मिश्रा ने सुरंग में फंसे मजदूरों के परिजनों से भी बातचीत की. 


ये भी पढ़ेंः निर्मला सीतारमण बोलीं- निवेशक न घबराएं, 2024 में सत्ता में लौट रहे हैं नरेंद्र मोदी


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.