नई दिल्लीः Uniform Civil Code: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने आज मंगलवार 6 फरवरी को विधानसभा में यूनिफॉर्म सिविल कोड से जुड़ा विधेयक पेश कर दिया है. यहां से यह विधेयक पास होने के बाद एक कानून बन जाएगा. इस विधेयक में लिव इन रिलेशनशिप को लेकर कई सारे बातें कही गई हैं. विधेयक में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि अगर कोई इस नियम का पालन नहीं करता है, तो उस पर उचित कार्रवाई की जाएगी. 


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रजिस्ट्रेशन कराना होगा अनिवार्य
एक्सपर्ट की मानें, तो यूसीसी के तहत लिव इन रिलेशनशिप को भी व्यवस्थित और शादी की तरह सुरक्षित बनाने के कई प्रावधान किए गए हैं. इस बिल के तहत किसी भी युगल को लिव इन में रहने से पहले रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. रजिस्ट्रेशन के बाद रजिस्ट्रार कार्यालय से पंजीकरण की रसीद मुहैया कराई जाएगी और उसी रसीद के आधार पर युगल को किराये पर घर, हॉस्टल या पीजी मिलेगा.


जायज माने जाएंगे लिव इन से पैदा बच्चे 
इसके अलावा लिव इन रिलेशनशिप से पैदा हुए बच्चे जायज माने जाएंगे और पुरुष की संपत्ति में उसे अधिकार दिया जाएगा. पुरुष अपने बच्चे की तरह ही उस बच्चे का भरण-पोषण करना होगा. यदि लिव इन में रहने के बाद कोई पुरुष किसी महिला को छोड़ देता है, तो महिला अपने भरण-पोषण की मांग के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है. 


लिव इन और ब्रेकअप का कराना होगा रजिस्ट्रेशन
किसी युगल को लिव इन रिलेशनशिप में आने से पहले भी और रिलेशनशिप से दूर जाने यानी ब्रेकअप का रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा. अगर कोई ऐसा नहीं करता है, तो उसपर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा झूठे वादे करके रिलेशनशिप में आने पर या किसी को धोखा देने पर भी सजा का प्रावधान है. यदि रजिस्ट्रेशन के समय लिव इन पार्टनर गलत जानकारी देता है या बाद में उसकी सूचना गलत पाई जाती है, तो उसपर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है. 


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