Uttarkashi Tunnel: मजदूरों की जान बचाने के लिए क्यों हो रहा चिनूक हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल, क्या है खासियत
चिनूक दुनिया के तेज उड़ने वाले भारी परिवहन हेलिकॉप्टरों में शामिल है. ये हेलिकॉप्टर अपनी एयरलिफ्ट करने की खासियत के लिए विशेष पहचान रखता है.
नई दिल्ली. उत्तराखंड में 41 मजदूरों को बचाने के लिए अभियान जारी है. मजदूर किसी भी वक्त इस टनल से बाहर निकाले जा सकते हैं. इस बीच टनल के बाहर चिनूक हेलिकॉप्टर को तैनात किया गया है जो मजदूरों के बाहर आते ही तुरंत उन्हें एयरलिफ्ट करेगा. चिनूक हेलिकॉप्टर को आपाद के वक्त संकट मोचक के रूप में भी पहचाना जाता है. आइए जानते हैं क्या हैं इस हेलिकॉप्टर में खास.
चिनूक हेलिकॉप्टर इंडियन एयरफोर्स के लिए एक अहम हेलिकॉप्टर है जो विभिन्न इलाकों और परिस्थितियों में काम कर सकता है. चिनूक एक उन्नत मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर है. यह हेलिकॉप्टर देश सशस्त्र बलों को लड़ाकू और मानवीय मिशनों के पूरे स्पेक्ट्रम में बेजोड़ सामरिक एयरलिफ्ट क्षमता प्रदान करता है.
11 हजार किलोग्राम वजन तक उठा सकता है चिनूक
ये हेलिकॉप्टर अपनी एयरलिफ्ट करने की खासियत के लिए विशेष पहचान रखता है. यह M777 हल्के हॉवित्जर तोपों को एयरलिफ्ट करने की क्षमता रखता है. ये हेलिकॉप्टर 33 से 55 सैनिक. 24 स्ट्रेचर या 11 हजार किलोग्राम वजन उठाने की क्षमता रखता है.
सबसे तेज उड़ने वाले हेलिकॉप्टर में शामिल
चिनूक दुनिया के तेज उड़ने वाले भारी परिवहन हेलिकॉप्टरों में शामिल है. यह 12.5 फीट चौड़ा और 18.11 फीट ऊंचा होता है.चीन से लगती हुई सीमा पर भी इसकी तैनाती है.
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