नई दिल्ली: Vasundhara Raje BJP President: भाजपा में लंबे समय से नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति पर मंथन चल रहा है. जेपी नड्डा के कार्यकाल खत्म होने और मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा पाने के बाद से ही पार्टी नए मुखिया को तलाश रही है. रेस में पहले भी कई नाम सामने आ चुके हैं, लेकिन अब एक ऐसे नाम की चर्चा हो रही है, जिसने सियासी गलियारों में सभी को चौंका दिया है. ये नाम भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजस्थान की पूर्व CM वसुंधरा राजे का है.

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दावा- RSS ने आगे किया वसुंधरा का नाम
सूत्रों की ओर से दावा किया जा रहा है कि वसुंधरा राजे का नाम RSS ने आगे बढ़ाया है. पहले RSS की ओर से संजय जोशी के नाम का प्रस्ताव भी भेजा गया था. लेकिन भाजपा इस नाम पर राजी नहीं हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संजय जोशी से 36 का आंकड़ा बताया जाता है. दोनों के बीच इतनी खटास है कि मोदी साल 2012 में यूपी के विधानसभा चुनाव में सिर्फ इसलिए प्रचार करने नहीं गए, क्योंकि वहां के संयोजक जोशी हुआ करते थे.

मोदी-शाह से वसुंधरा की अनबन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से वसुंधरा राजे के रिश्ते अच्छे नहीं हैं. राजस्थान में 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद वसुंधरा का नाम CM रेस में सबसे आगे था, लेकिन पार्टी ने उन्हें दरकिनार कर न्यू कमर और पहली बार के विधायक भजनलाल शर्मा को सूबे की कमान सौंपी. साल 2013 में भाजपा राजस्थान में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई. कई नेताओं ने जीत का क्रेडिट तब के PM पद के दावेदार नरेंद्र मोदी को दिया. लेकिन वसुंधरा ने कहा- जीत में केवल एक व्यक्ति का हाथ नहीं है. साल 2018 में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह चाह रहे थे कि गजेंद्र सिंह शेखावत राजस्थान में भाजपा का नेतृत्व करें. लेकिन वसुंधरा ने वीटो किया और शाह अपने मन की नहीं कर पाए. तब से ही वसुंधरा और पार्टी आलाकमान के बीच दूरियां खबर बनती रही हैं.

RSS ने वसुंधरा का नाम आगे क्यों किया?
अब सवाल ये उठता है कि जब वसुंधरा राजे कि शाह और मोदी से नहीं बनती है, तो RSS ने उनका नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के लिए क्यों आगे किया है? इसका साफ मतलब है कि RSS पावर बैलेंस करना चाहती है. मोदी-शाह की जोड़ी प्रभावी रही है. लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का बयान भी खूब वायरल रहा, जिसमें उन्होंने कहा- BJP अब बड़ी हो गई है, उसे RSS की जरूरत नहीं. ऐसे में RSS की ओर से वसुंधरा के नाम का प्रस्ताव देना दिखाता है कि पार्टी पर संघ अपन पकड़ फिर मजबूत करना चाहता है. RSS चाहता है कि अगला अध्यक्ष ऐसा हो, जो सिर्फ मोदी-शाह के इशारे पर काम ना करे. इस सांचे में वसुंधरा राजे एकदम फिट बैठती हैं.
 


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