नई दिल्ली. देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री मामले में तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि 'मॉक पार्लियामेंट' में अपने एक्ट में कभी किसी का नाम नहीं लिया. अगर राज्यसभा के सभापति ने इसे अपने ऊपर ले लिया है, तो 'मैं सचमुच असहाय हूं. मेरा किसी को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था. मुझे नहीं पता कि उन्होंने (उपराष्ट्रपति) इसे अपने ऊपर क्यों लिया है.


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कल्याण बनर्जी ने कहा-मेरा कभी भी किसी को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है. धनखड़ भी इसी पेशे से हैं और मैं हर किसी का बहुत सम्मान करता हूं. वह भी वकील हैं और मैं भी वकील हूं. सभापति के लिए प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है. उन्हें लगता है कि उनमें और मुझमें कोई समानता है तो मेरा सवाल है कि क्या वह राज्यसभा में इसी तरह व्यवहार करते हैं?



आलोचना के घेरे में आए कल्याण बनर्जी
बता दें संसद में अपने एक्ट के बाद कल्याण बनर्जी आलोचना के घेरे में आ गए हैं.  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी सांसदों के इस कृत्य की आलोचना की. राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा-संसद परिसर में जिस तरह से हमारे सम्मानित उपराष्ट्रपति को अपमानित किया गया, उसे देखकर मुझे निराशा हुई. निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपनी अभिव्यक्ति के लिए स्वतंत्र होना चाहिए, लेकिन उनकी अभिव्यक्ति गरिमा और शिष्टाचार के मानदंडों के भीतर होनी चाहिए.


एनडीए के सदस्यों ने खड़े होकर कार्यवाही में लिया हिस्सा
दूसरी तरफ बुधवार को राज्यसभा में एनडीए के सांसदों ने खड़े होकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए सदन की कार्यवाही में भाग लिया.


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