Garud Puran on Children Death: कम आयु में बच्चों की मौत होने पर आत्माएं नर्क जाती हैं या स्वर्ग? गरुड़ पुराण में क्या बताया है रहस्य
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Garud Puran on Children Death: कम आयु में बच्चों की मौत होने पर आत्माएं नर्क जाती हैं या स्वर्ग? गरुड़ पुराण में क्या बताया है रहस्य

Garud Puran in Hindi: गरुड़ पुराण में जन्म-मृत्यु के रहस्यों को उजागर किया गया है. उसमें यह भी बताया गया कि मृत्यु के बाद आत्माओं का क्या होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अल्पायु में बच्चों की मौत होने पर उनकी आत्माओं के साथ किस तरह का व्यवहार होता है. 

Garud Puran on Children Death: कम आयु में बच्चों की मौत होने पर आत्माएं नर्क जाती हैं या स्वर्ग? गरुड़ पुराण में क्या बताया है रहस्य

Garud Puran on Children Death Mystery: सनातन धर्म में गरुड़ पुराण एक ऐसा महापुराण है, जो किसी की मृत्यु से जुड़े तमाम सवालों के रहस्यों को बारे में बताता है. इस पुराण में भगवान विष्णु और उनके वाहन गरुड़ की बातचीत दर्ज है. गरुड़ देव मृत्यु से जुड़े सवाल करते जाते हैं और भगवान विष्णु जवाब देकर उनकी जिज्ञासा को शांत करते हैं. एक बार गरुड़ ने श्री हरि से पूछ लिया कि हे प्रभु, यदि किसी बच्चे की कम उम्र में ही मृत्यु हो जाए तो उसकी आत्मा स्वर्ग जाती है या नरक? इस पर भगवान विष्णु ने जो सारगर्भित जवाब दिया, उसके बारे में आज आपको भी जानना चाहिए. 

बच्चों को केवल स्वर्ग ही क्यों भेजा जाता है?

गरुड़ पुराण के अनुसार, एक बार गरुड़ देव पूछते हैं कि प्रभु, जिन बच्चों की उम्र 15 साल से कम होती है, उनकी आकस्मिक मृत्यु के बाद स्वर्ग ही क्यों भेजा जाता है, नरक में क्यों नहीं. इस पर दुनिया का संचालन करने वाले प्रभु विष्णु कहते हैं कि कम उम्र होने की वजह से उन्हें अच्छे-बुरे की कोई समझ नहीं होती है. यही कारण है कि अल्प आयु में मृत्यु होने पर उन्हें कर्मों के आधार पर नहीं बल्कि कम आयु को देखते हुए स्वर्ग में प्रवेश दे दिया जाता है. यदि उन्होंने कोई गलती की भी होती है तो उसे नादानी समझकर माफ कर दिया जाता है. 

जब बच्चों के प्रेम से भाव-विह्वल हो गए श्रीहरि

बच्चों को केवल स्वर्ग ही भेजने के पीछे एक कथा भी प्रचलित है. इसके मुताबिक एक बार कुछ बच्चों की मृत्यु होने पर वे स्वर्ग लोक के द्वार पर पहुंचे. जबकि उनके माता-पिता को अलग कर दिया गया. जब बच्चों ने इसकी वजह पूछी तो भगवान विष्णु ने उन्हें बताया कि कर्मों का आकलन करने के बाद ही उनके बारे में फैसला लिया जाएगा. इस पर बच्चों ने कहा कि वे अपने माता-पिता के साथ ही रहेंगे. जहां पर वे हैं, उन्हें भी वहीं भेज दिया जाए. माता-पिता के प्रति बच्चों का यह प्रेम देखकर भगवान विष्णु बेहद प्रसन्न हुए और उन्होंने माता-पिता के बुरे कर्मों को माफ करते हुए उन्हें भी बच्चों के साथ स्वर्ग भेज दिया. 

मृत्यु होने पर क्यों करवाया जाता है गरुड़ पाठ?

गरुड़ पुराण जीवन-मृत्यु के रहस्यों को खोलने वाला एक पावन ग्रंथ है. इसमें बताया गया है कि मृत्यु के बाद किसी व्यक्ति को नरक मिलेगा या स्वर्ग. मरने के बाद यमदूत उसकी आत्मा के साथ क्या करेंगे. उसकी आत्मा किन-किन लोकों में विचरण करेगी. क्या उसे पुनर्जन्म मिलेगा या नहीं. ये सब रहस्य भी गरुड़ पुराण में खोले गए हैं. किसी सनातनी की मृत्यु होने पर वहां पर गरुड़ पाठ कराया जाता है और उससे मिले संदेश की मदद से उस आत्मा को जगत से अपना बंधन तोड़ने में मदद मिलती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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