श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के पूर्व CM और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि अगर केंद्र जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने में विफल रहता है तो उनकी पार्टी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी. उन्होंने कहा-वास्तविकता यह है कि हमें अपनी शक्तियों को वापस पाने के लिए संघर्ष करना है और हमें इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम सफल होंग. कम से कम, पहले प्रयास में हम जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिलाएंगे.


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क्या बोले उमर अब्दुल्ला
दरअसल उमर अब्दुल्ला नेशनल कांफ्रेंस का घोषणापत्र जारी करने के बाद बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए तैयार नहीं है तो उनकी पार्टी सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी. अब्दुल्ला ने कहा-हमें सुप्रीम कोर्ट को सिर्फ इतना याद दिलाना है कि भारत सरकार ने शीर्ष अदालत से वादा किया है कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा. अगर केंद्र सरकार अपनी इच्छा से ऐसा करने के लिए तैयार नहीं होती है तो हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और हमें वहां से न्याय मिलेगा.


नेशनल कांफ्रेंस ने जारी किया घोषणापत्र
बता दें कि आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने घोषणापत्र में 12 ‘गारंटी’ की घोषणा की है. इसमें अनुच्छेद 370 और जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के साथ-साथ 2000 में तत्कालीन विधानसभा द्वारा पारित स्वायत्तता प्रस्ताव का कार्यान्वयन शामिल हैं.


बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार ने 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर दिया था और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था. जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए तीन चरण में चुनाव होंगे. 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे जबकि नतीजे चार अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.


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