Iqra Hasan: समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने गुरुवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर राज्य में होटलों और सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस खाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए निशाना साधा. प्रतिबंध को 'स्वतंत्रता के अधिकार' के खिलाफ बताते हुए हसन ने कहा कि अगर सरकार निजी जीवन में हस्तक्षेप करना जारी रखेगी तो देश तानाशाही की ओर बढ़ जाएगा.


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उत्तर प्रदेश के कैराना से लोकसभा सांसद ने एएनआई के हवाले से कहा, 'यह देश की खूबसूरती है कि हमारे यहां अलग-अलग संस्कृतियों और धर्मों को मानने वाले लोग हैं. इस तरह के फैसले संविधान के खिलाफ हैं.'


असल सरकार ने क्या फैसला लिया?
सरमा ने बुधवार को घोषणा की कि सरकार ने असम भर में रेस्तरां, होटलों और सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस परोसने और खाने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 2021 में पारित असम मवेशी संरक्षण अधिनियम मवेशियों के वध को सुनिश्चित करने में काफी सफल रहा है और 'अब हमने सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस खाने को रोकने का फैसला किया है.'


असम के मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमने तीन साल पहले मवेशी वध निषेध कानून पारित किया था और यह काफी सफल रहा था, इसलिए अब असम में हमने फैसला किया है कि किसी भी रेस्तरां या होटल में गोमांस नहीं परोसा जाएगा और साथ ही इसे किसी सार्वजनिक समारोह या सार्वजनिक स्थान पर भी नहीं परोसा जाएगा, इसलिए आज से हमने होटलों, रेस्तरां और सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस की खपत को पूरी तरह से बंद करने का फैसला किया है.'


सरमा ने कहा कि पहले फैसला केवल मंदिरों के पास गोमांस की खपत को प्रतिबंधित करने का था, लेकिन अब सरकार ने इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया है.


इकरा हसन विपक्ष की अकेली सदस्य नहीं हैं जिन्होंने सरमा सरकार के आदेश की आलोचना की.


विपक्ष ने हिमंत बिस्वा सरमा सरकार पर निशाना साधा
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि असम के सीएम को याद रखना चाहिए कि जब उन्होंने झारखंड चुनाव को हिंदू बनाम मुस्लिम बना दिया था, तब वे हार गए थे.


उन्होंने कहा, 'निर्णय लेने में कुछ भी राजनीतिक नहीं होना चाहिए. ध्यान देने वाली बात यह है कि मुख्यमंत्री विपक्ष के खिलाफ लगाए गए कुछ आरोपों के आधार पर कुछ राजनीतिक लाभ प्राप्त करने की उम्मीद कर रहे हैं. इसलिए, यह एक ऐसा विकल्प है जो उन्हें चुनना था और उन्होंने यह विकल्प चुना है. लेकिन अगर वह इससे कोई राजनीतिक लाभ प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं, तो उन्हें याद रखना चाहिए कि झारखंड के प्रभारी के रूप में, वह चुनाव हारे थे, जब उन्होंने इसे हिंदू बनाम मुस्लिम बना दिया था.'


कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने शिवसेना सांसद की बात दोहराते हुए कहा कि असम के मुख्यमंत्री झारखंड में अपनी चुनावी हार को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'झारखंड में भाजपा को हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा... वह अपनी हार और शर्मनाक हार को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं, वह इस साजिश के साथ आए हैं. मुझे विश्वास है कि जिस तरह से झारखंड के लोगों ने नफरत और घुसपैठियों की राजनीति को हराया है, उसी तरह आने वाले चुनाव में असम के लोग हिमंत बिस्वा सरमा की भ्रष्ट सरकार को दंडित करेंगे.'


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