नई दिल्लीः दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गुरुवार शाम गिरफ्तार कर लिया गया. उनके आवास पर देर शाम ईडी की टीम पहुंची थी. यह गिरफ्तारी शराब घोटाले के मामले में हुई है. इस मामले में आप सांसद संजय सिंह और दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पहले ही जेल में हैं. अब आइए जानते हैं कि आखिर ये मामला क्या है.


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आखिर शराब घोटाला क्या है? 
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू की थी. इस नीति के तहत राजधानी को 32 जोन में बांटा गया और हर जोन में 27 दुकानें खोलने की बात कही गई. इस तरह से पूरी दिल्ली में 849 शराब की दुकानें खोली जानी थीं. इस नीति के तरह सभी सरकारी ठेकों को बंद कर सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया. 


जबकि इससे पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं. नई नीति लागू होने के बाद सभी 100 प्रतिशत शराब की दुकान को प्राइवेट कर दिया गया. दिल्ली सरकार ने इससे पीछे तर्क दिया कि इससे 3500 करोड़ रुपए का फायदा होगा.


यही नहीं दिल्ली सरकार ने शराब की दुकान के लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी थी. इसके तहत जिस एल-1 लाइसेंस को हासिल करने के लिए पहले 25 लाख रुपए देने होते थे. नई नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को पांच करोड़ रुपए चुकाने पड़े. इसी तरह अन्य कैटेगिरी के लाइसेंस की फीस भी जरूरत से ज्यादा बढ़ा दी गई.


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने पिछले साल 2 नवंबर को पहला समन भेजा था. ये समन प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जारी किया गया था. इस मामले में गिरफ्तार दिनेश अरोड़ा ने ईडी को बताया था कि उसने केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की थी. उसने बताया कि वाईएसआर कांग्रेस के सांसद मंगुटा श्रीनिवासुलु रेड्डी और केजरीवाल के बीच कई मीटिंग भी हुई थी. इसके बाद ही सीएम केजरीवाल ने दिल्ली के शराब करोबार में रेड्डी की एंट्री का स्वागत किया था.


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