नई दिल्लीः केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के एक दल ने नौकरी के बदले जमीन के कथित घोटाला मामले की जांच के सिलसिले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से उनके आवास पर सोमवार को पूछताछ की. अधिकारियों ने बताया कि आवास पर कोई तलाशी नहीं हुई या कोई छापा नहीं मारा जा रहा. 


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15 मार्च को कोर्ट में पेश होने का दिया समन
उन्होंने बताया कि सीबीआई ने इस मामले में पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर दिया है और विशेष अदालत ने पूर्व रेलवे मंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्य तथा अन्य लोगों को 15 मार्च को अदालत में पेश होने के लिए सम्मन भेजा है. उन्होंने कहा कि एजेंसी कथित घोटाला मामले में जांच कर रही है. 


कुछ और दस्तावेज मांग सकती है सीबीआई
सीबीआई का दल मामले में आगे की जांच के सिलसिले में ही पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पूछताछ कर रहा है. अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी मामले में लालू प्रसाद के परिवार से कुछ और दस्तावेज भी मांग सकती है. 


जानिए क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाला
यह मामला लालू प्रसाद के परिवार को तोहफे में जमीन दे कर या जमीन बेचने के बदले में रेलवे में कथित तौर पर नौकरी दिए जाने से संबंधित है. यह मामला तब का है जब प्रसाद 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री थे. 


प्राथमिकी में लगाए गए हैं ये आरोप
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि कुछ लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित रेलवे के विभिन्न जोन में 2004-2009 के दौरान ग्रुप-डी पदों पर नियुक्त किया गया और इसके बदले में उन लोगों ने या उनके परिवार के सदस्यों ने प्रसाद और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के नाम पर अपनी जमीन स्थानांतरित की. 


बाद में इस कंपनी का स्वामित्व प्रसाद के परिवार के सदस्यों ने अपने हाथ में ले लिया था. यह भी आरोप लगाया गया है कि पटना में लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों ने पांच बिक्री सौदों, दो उपहार सौदों के माध्यम से 1,05,292 वर्ग फुट जमीन लोगों से ली. इसके लिए विक्रेताओं को नगद भुगतान करने को कहा गया. 


अभी 4.32 करोड़ रुपये है जमीन की कीमत
इस जमीन की कीमत वर्तमान सर्किल रेट के अनुसार 4.32 करोड़ रुपये है लेकिन लालू प्रसाद के परिवार को यह जमीन इससे बहुत कम दाम में बेची गई. साथ ही आरोप है कि नियुक्तियों के लिए रेलवे प्राधिकरण की ओर से जारी दिशानिर्देशों और आवश्यक प्रक्रियाओं को दरकिनार कर कथित लाभार्थियों की सेवाएं नियमित की गईं.


(इनपुटः भाषा)


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