नई दिल्ली. देश की सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को भाजपा नेता नलिन कोहली की एक याचिका को खारिज कर दिया. कोर्ट ने उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें यह देखने के लिए अध्ययन का आग्रह किया था कि क्या पोर्नोग्राफी और यौन शोषण के मामलों के बीच कोई संबंध है? 


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'निगरानी की वकालत करती है याचिका'
कोर्ट ने कहा कि इसमें बहुत सावधानी बरतनी होगी क्योंकि याचिका एक तरह की निगरानी की वकालत कर रही है. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति एसआर भट की पीठ ने कहा कि सरकार के पास इंटरनेट पर आपत्तिजनक सामग्री को रोकने के लिए कानून में 'पर्याप्त साधन' हैं.


पीठ ने कहा- हमें सावधानी बरतनी होगी
पीठ ने कहा, 'हमें यहां बहुत सावधानी से चलना होगा क्योंकि आप जिस चीज की वकालत कर रहे हैं वह अंततः एक तरह की निगरानी और डेटा का रखरखाव है.' शीर्ष अदालत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता और अधिवक्ता नलिन कोहली की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने बाद में याचिका वापस ले ली.


कौन हैं नलिन कोहली
भाजपा नेता नलिन कोहली पेशे से वकील हैं और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं. वह भारतीय जनता पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ताओं में से एक हैं. वो बीजेपी की नेशनल मीडिया सेल के कन्वेनर भी रहे हैं. 


इससे पहले कोहली दूरदर्शन चैनल पर प्राइम टाइम न्यूज एंकर के रूप में भी काम कर चुके हैं. उनके पिता अमोलक रतन कोहली साल 2001 से लेकर 2006 तक मिजोरम के गवर्नर रहे थे. 


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