Uniform Civil Code क्या है? दशकों पहले इस राज्य में लागू हो चुका है UCC कानून
Uniform Civil Code: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज यानी की मंगलवार 6 फरवरी को विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक (UCC) पेश करेंगे. पेश होने से पहले ही विपक्ष इस विधेयक का जमकर विरोध कर रहा है. समान नागरिक संहिता विधेयक हर ओर चर्चा का विषय बना हुआ है. आइए जानते हैं क्या है UCC?
नई दिल्ली,Uniform Civil Code: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज यानी की मंगलवार 6 फरवरी को विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक (UCC) पेश करेंगे. पेश होने से पहले ही विपक्ष इस विधेयक का जमकर विरोध कर रहा है. समान नागरिक संहिता विधेयक हर ओर चर्चा का विषय बना हुआ है. आज हम आपको इस आर्टिकल में बात करेंगे उतराखंड में पेश किए जाने वाले Uniform Civil Code के बारे में. आज हम यह भी जानेंगे कि यह विधेयक किस राज्य में दशकों पहले ही लागू हो चुका है.
क्या है समान नागरिक संहिता UCC?
समान नागरिक संहिता (UCC) पूरे देश के लिए एक कानून सुनिश्चित करेगी, जो सभी धार्मिक और आदिवासी समुदायों पर उनके व्यक्तिगत मामलों जैसे संपत्ति, विवाह, विरासत और गोद लेने आदि में लागू होगा. आसान भाषा में समझने की कोशिश करते हैं...
आसान भाषा में समझें...
समान नागरिक संहिता का मतलब एक ऐसा प्रावधान, जिसके लागू होने के बाद राज्य में विवाह, तलाक, संपति और गोद लेने जैसे नियम सबके लिए एक समान होंगे. बता दें कि समान नागरिक संहिता का मतलब यह है कि हिंदू विवाह अधिनियम (1955), हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम (1956) और मुस्लिम व्यक्तिगत कानून आवेदन अधिनियम (1937) जैसे धर्म पर आधारित मौजूदा व्यक्तिगत कानून तकनीकी रूप से भंग हो जाएंगे.
इस राज्य में लागू है UCC...
1962 में गोवा UCC लागू करने वाला पहला राज्य बना. गोवा सिविल कोड सभी धर्मों के लिए समान क़ानून लागू हैं. गोवा में शादी के बाद (अगर शादी के वक़्त कोई ऐलान अलग से न किया गया हो), दोनों एक-दूसरे की संपत्ति के बराबर के हकदार होंगे. तलाक की स्थिति में पत्नी आधी संपत्ति की हकदार होती है. मां-बाप को कम से कम आधी संपत्ति अपने बच्चों के साथ साझा करनी होती है. जिसमें बेटियां भी बराबर की हिस्सेदार होती हैं.
गोवा में शादी का रजिस्ट्रेशन
गोवा में शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए दो चरण होते हैं. इसे आसान भाषा में समझें, तो पहले चरण में लड़का और लड़की के मां-बाप के सामने शादी की औपचारिक घोषणा की जाती है. शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए जन्म प्रमाणपत्र, मूल निवास प्रमाणपात्र की जरुरत होती है. इसके अलावा दूसरे चरण में दूल्हा-दुल्हन के अलावा 2 गवाह का होना ज़रूरी है. चाहे कोई किसी भी धर्म का हो.
गोवा में टैक्स...
गोवा में पति-पत्नी की कमाई जोड़कर टैक्स लगाया जाता है. अगर पति और पत्नी दोनों कमाते हैं तो दोनों की कमाई को जोड़ा जाता है और कुल कमाई पर टैक्स लगाया जाता है.
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