नई दिल्ली: Rajasthan New CM: राजस्थान में भाजपा को भारी पशोपेश का सामना करना पड़ रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) के कारण पार्टी की राह में मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. 8 दिन बीत जाने के बाद भी विधायक दल की बैठक की तारीख तय नहीं हो पाई है. माना जा रहा है कि वसुंधरा राजे सीएम बनने के लिए हर संभव कोशिश कर रही हैं. लेकिन वे सीएम नहीं बन पाइन तो क्या करेंगी, क्या उन्हें राज्यपाल बनाया जाएगा? आइए, जानते हैं इन सवालों के जवाब.


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मुख्यमंत्री ही बनना है
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे फिर से सूबे की मुख्यमंत्री बनने के लिए आखिरी क्षण तक कोशिश करेंगी. उनके 13, सिविल लाइंस आवास पर विधायकों का आना-जाना लगा हुआ है. वे पहले भी शक्ति प्रदर्शन कर चुकी हैं. इसके बाद वे दिल्ली गईं थीं, लौटने के बाद उन्होंने फिर से ताकत दिखाई है. हो सकता है कि अब तक खुद राजे ने भी नहीं सोचा होगा कि सीएम न बनने पर वे क्या करेंगी. वसुंधरा राजे हमेशा से राजस्थान की राजनीति में केंद्र बिंदु रही हैं. ऐसे में उनके लिए इसे छोड़ना काफी मुश्किल होगा. उन्होंने झालावाड़ की एक रैली में ये भी कहा था कि राजस्थान में मेरी डोली आई थी, अब अर्थी ही जाएगी.


क्या राज्यपाल बनाई जाएंगी?
मुमकिन है कि वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री न बनाई जाएं, तो पार्टी उन्हें राज्यपाल के पद का ऑफर दे सकती है. हालांकि, राजे सक्रिय राजनीति में रही हैं. ऐसे में उन्हें राज्यपाल बनना शायद ही मंजूर हो. राज्यपाल की सीधे तौर पर राजनीति में कोई दखल नहीं होती. वसुंधरा अपनी मां विजया राजे सिंधिया से काफी प्रभावित हैं. विजिया राजे ने भी राजनीति से सन्यास लेने के बाद राज्यपाल का पद स्वीकार नहीं किया था. 


क्या बन सकती हैं विधानसभा स्पीकर?
कयास लगाए जा रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में पूर्व सीएम रमन सिंह को विधानसभा का स्पीकर बनाया जा सकता है. ऐसे में राजे को भी इस पद का ऑफर मिल सकता है. लेकिन राजे का कद इस पद से बड़ा है. जिस तरह से गहलोत ने कभी खुद को नेता प्रतिपक्ष और विधानसभा स्पीकर के पद पाने के लिए मुफीद नहीं पाया, ठीक उसी तरह से राजे भी यह पद लेने में शायद ही दिलचस्पी दिखाएं.


क्या केंद्र में बन सकती हैं मंत्री?
ऐसी संभावना भी जताई जा रही है कि वसुंधरा राजे को केंद्र सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है. राजे को पहले भी रक्षा मंत्री के पद का ऑफर मिला था, लेकिन उन्होंने राजस्थान की राजनीति करने का ही फैसला किया. लेकिन अब परिस्थिति बदल गई है, राजे केंद्र में किसी बड़े पद के लिए मान भी सकती हैं. वे पहले भी केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री रह चुकी हैं. यदि को ये पद भी स्वीकार नहीं करती हैं, तो वे पूरी तरह से राजनीति से सन्यास भी ले सकती हैं. 


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