दुनिया में सबसे पहले किसने बनवाए मदरसे, क्या था मकसद, `आतंक की नर्सरी` तक के लगे आरोप
मदरसा एक अरबी शब्द है जिसका मतलब आम भाषा में स्कूल या विद्यालय होता है. अरब की दुनिया के बाहर मदरसा शब्द को अलग-अलग तरह से उच्चारित भी किया जाता है. शुरुआत में भले ही मदरसों में शिक्षा सिर्फ इस्लामी तालीम तक सीमित रही हो लेकिन बाद में इसमें समसामयिक मुद्दों समेत अन्य विषयों को भी पढ़ाई-लिखाई में शामिल किया गया.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में अवैध मदरसों की जांच कर रही एसआईटी ने राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है. इमें लगभग 13 हजार मदरसों को बंद करने की सिफारिश की गई है. अवैध मिले ज्यादातर मदरसे नेपाल बॉर्डर पर स्थित हैं. एसआईटी ने रिपोर्ट में कहा है कि खाड़ी देशों से मिले धन से इनका निर्माण किया गया. इन मदरसों से इनकी आय और व्यय का विवरण मांगा गया था लेकिन वे इसे नहीं दे सके. आशंका है कि हवाला के जरिए भेजे गए पैसों से इनका निर्माण किया गया है.
यूपी से अलग हटकर देखें तो मदरसे और कट्टरपंथ के गठजोड़ के कई प्रमाण दुनिया में देखने को मिलते हैं. आतंकी संगठनों के मदरसा छात्रों को सॉफ्ट टारगेट के रूप में इस्तेमाल करने के आरोप लगते रहे हैं. लेकिन मदरसों की शुरुआती अवधारणा को देखें तो यह बिल्कुल अलग थी. इस्लामिक इतिहास में मदरसा एजुकेशन की शुरुआती दीनी तालीम और न्याय व्यवस्था की पढ़ाई से जुड़ी हुई थी.
क्या होता है मदरसा?
मदरसा एक अरबी शब्द है जिसका मतलब आम भाषा में स्कूल या विद्यालय होता है. अरब की दुनिया के बाहर मदरसा शब्द को अलग-अलग तरह से उच्चारित भी किया जाता है. शुरुआत में भले ही मदरसों में शिक्षा सिर्फ इस्लामी तालीम तक सीमित रही हो लेकिन बाद में इसमें समसामयिक मुद्दों समेत अन्य विषयों को भी पढ़ाई-लिखाई में शामिल किया गया.
किसने शुरू किए मदरसे?
मदरसे जैसे संस्थानों की शुरुआत का क्रेडिट मुख्य तौर पर 11वीं सदी के पारसी इस्लामिक इस्लामिक स्कॉलर और सेलिजुक साम्राज्य के मंत्री निजाम अल-मुल्क को दिया जाता है. कहते हैं कि निजाम ने ही ईरान और खोरासान के इलाकों में पहली बार मदरसा के आधिकारिक नेटवर्क को तैयार किया था.
निजाम तकरीब 20 वर्षों तक सेलिजुक साम्राज्य के डि-फेक्टो लीडर थे. यानी उनके ही हाथों में पूरे साम्राज्य की कमान थी. उनके दौर में शुरू हुआ मदरसों का निर्माण आगे मुस्लिम वर्ल्ड के अन्य देशों में भी फैलता गया. निजाम ने जिस स्थापत्य कला के तहत मदरसों का निर्माण करवाया, उसी कला के तहत ही अन्य मुल्कों में मदरसों का निर्माण किया गया.
मुहम्मद साहब से जुड़ा वाकया
कुछ किस्सों के मुताबिक दुनिया में पहला मदरसा सऊदी अरब की सफा पहाड़ी पर बना था. इसमें शिक्षक के रूप में पैगंबर मुहम्मद थे और उनके फॉलोवर ही स्टूडेंट्स थे. हिजरा (प्रवास) के बाद यह मदरसा मदीना में अल-मस्जिद अल नवाबी मस्जिद के पूर्वी तरफ बनाया गया. हालांकि इस किस्से के ऐतिहासिक प्रमाण नहीं मिलते हैं.
किन-किन विषयों की होती है पढ़ाई?
इस वक्त भले ही मदरसों की पढ़ाई को आधुनिक शिक्षा के मुकाबले कमतर माना जाता है लेकिन ऐतिहासिक रूप से देखें तो इसमें विभिन्न क्षेत्रों की शिक्षा दी जाती रही है. इसमें फिलोसॉफी, लॉजिक, मैथ्स, हिस्ट्री, मेटाफिजिक्स, केमिस्ट्री जैसे विषयों की पढ़ाई करवाई जाती थी. लेकिन यह हर मदरसे में नहीं होता था. कई जगहों पर शिक्षा का स्वरूप धर्म की पढ़ाई से अलग नहीं हट सका तो कहीं पर सुधारों के जरिए अन्य सब्जेक्ट्स को भी महत्व दिया गया.
आतंक की नर्सरी के रूप में इस्तेमाल होने के आरोप
जैसे-जैसे दुनिया में आधुनिक स्कूलों का प्रसार होता गया वैसे-वैसे मदरसों की शिक्षा पर पुरातनपंथी होने का ठप्पा लगता गया. कई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स में मदरसों के आतंकी लिंक को एक्सपोज किया गया. असम में हो रही वर्तमान कार्रवाई का संबंध भी टेरर कनेक्शन से ही है.
साल 2021 में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के एक कार्यक्रम में यूरोपीय एक्सपर्ट ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के मदरसों को आतंक की नर्सरी करार दिया था. एने हेकेनड्रॉफ नाम की एक्सपर्ट का कहना था-तालिबान और खतरनाक हक्कानी नेटवर्क पाकिस्तान में मदरसों से ही पैदा हुए हैं. लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकी संगठन लगातार मदरसों को संचालित करते हैं. इन संगठनों को देश की शक्तिशाली खुफिया एजेंसी का आशीर्वाद हासिल है.'
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