नई दिल्ली: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के बीच दूरियां कम होती हुई नजर आ रही हैं. उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बुधवार को बलिया में एक समारोह में राजभर के साथ मंच साझा किया.


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राजभर को किसने कहा 'सच्चा मित्र'?
उपमुख्यमंत्री ने राजभर को 'सच्चा मित्र' कहकर संबोधित किया. सवाल करने पर उन्होंने दोहराया, 'हां राजभर जी मेरे पक्के दोस्त हैं.' विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद समाजवादी पार्टी से नाता तोड़ने वाले राजभर बीजेपी के साथ मेलजोल बढ़ा रहे हैं.


उन्होंने भाजपा की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया था और कई मुद्दों पर सरकार का साथ दिया है. उन्हें कई मौकों पर योगी आदित्यनाथ की शासन शैली की सराहना करते हुए सुना जाता है.


एनडीए में लौटने के अलावा विकल्प नहीं
एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा, एसबीएसपी में शामिल होने से सपा को 2022 के विधानसभा चुनावों में अपनी सीट और वोट शेयर बढ़ाने में मदद मिली. एसबीएसपी के पास बड़ा समर्थन आधार नहीं है, लेकिन कम से कम 30-35 विधानसभा क्षेत्र और लगभग 10 संसदीय क्षेत्र में इसका समर्थन है. भाजपा निश्चित रूप से 2024 के चुनाव से पहले पार्टी को अपने पक्ष में करने की कोशिश करेगी और राजभर के पास भी एनडीए के पाले में लौटने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.


2002 में हुआ था एसबीएसपी का गठन
एसबीएसपी का गठन 2002 में राजभर द्वारा किया गया था और पूर्वी उत्तर प्रदेश में राजभर समुदाय के बीच इसका बड़ा समर्थन है. राजभर के पास राज्य के कुल मतदाताओं का लगभग 4 प्रतिशत समर्थन है.


एसबीएसपी ने 2022 के विधानसभा चुनावों में सपा के साथ गठबंधन किया और छह सीटों पर जीत हासिल कर 19 सीटों पर चुनाव लड़ा. 2017 में, एसबीएसपी ने भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा और चार सीटों पर जीत हासिल की.


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