कौन हैं केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर, नहीं लिख पाईं बेटी `पढ़ाओ-बेटी बचाओ`
तीसरी मोदी सरकार में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर धार से 2.18 लाख वोटों से जीतकर संसद पहुंची हैं. 46 वर्षीय ठाकुर मध्य प्रदेश में बीजेपी के प्रमुख आदिवासी चेहरों में गिनी जाती हैं.
धार. केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर द्वारा एक कार्यक्रम के दौरान ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ का नारा गलत लिखने का मामला तूल पकड़ रहा है. इससे संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है जिसके बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने सावित्री ठाकुर योग्यता पर सवाल उठाए हैं. दरअसल यह कार्यक्रम मध्य प्रदेश के धार के ब्रम्हा कुंडी स्थित एक सरकारी स्कूल में 18 जून (मंगलवार) को ‘स्कूल चलो अभियान’ के तहत आयोजित किया गया था.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थीं सावित्री ठाकुर
इस कार्यक्रम में धार से सांसद सावित्री ठाकुर मुख्य अतिथि थीं. सावित्री, केंद्रीय मंत्रिमंडल में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री हैं. वीडियो में ठाकुर सफेद बोर्ड पर देवनागरी लिपि में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा गलत तरीके से लिखती नजर आ रही हैं. इस मामले पर कांग्रेस के सीनियर लीडर के.के. मिश्रा ने कहा-यह लोकतंत्र का दुर्भाग्य है कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग और बड़े विभागों के जिम्मेदार लोग अपनी मातृभाषा में भी सक्षम नहीं हैं. वे अपना मंत्रालय कैसे संभाल पाएंगे? एक तरफ देश के नागरिकों के साक्षर होने का दावा किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ जिम्मेदार लोगों में साक्षरता की कमी है. तो सच क्या है? यह किसी व्यक्ति विशेष से नहीं बल्कि व्यवस्था से जुड़ा मुद्दा है.
बीजेपी ने दी है सफाई
बीजेपी की तरफ से इसे लेकर कहा गया है कि स्कूल चलो अभियान के दौरान जल्दबाजी में मंत्री द्वारा की गई गलती के वीडियो पर कांग्रेस का हंगामा उसकी ‘छोटी और आदिवासी विरोधी सोच’ को दर्शाता है. उन्होंने कहा-सावित्री जी की भावनाएं और संवेदनाएं पवित्र हैं, लेकिन कांग्रेसी अपनी भावनाओं को पवित्र नहीं रख पा रहे हैं. आदिवासी महिला का अपमान आदिवासी समाज माफ नहीं करेगा. कांग्रेस आदिवासी महिला के बढ़ते कद को पचा नहीं पा रही है.
कौन हैं गायत्री ठाकुर
तीसरी मोदी सरकार में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर धार से 2.18 लाख वोटों से जीतकर संसद पहुंची हैं. 46 वर्षीय ठाकुर मध्य प्रदेश में बीजेपी के प्रमुख आदिवासी चेहरों में गिनी जाती हैं. पहली बार 2003 में जिला पंचायत सदस्य बनी थीं और बाद में जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं. इसके बाद वह राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी में कई सांगठनिक पदों पर रह चुकी हैं. 2014 में भी वो धार से लोकसभा सांसद चुनी गई थीं. हालांकि 2019 में उन्हें टिकट नहीं दिया गया था.
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