कौन है चिन्मयानंद का `लाडला`, जिसे लेकर स्वामी बोले- वो बनेगा देश का पीएम...
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपना करीबी रिश्ता जाहिर करते हुए चिन्मयानंद ने कहा कि ``मैंने एक सफर में कहा था कि योगी आदित्यनाथ आप गोरखपुर को द्वारकापुरी बना रहे हैं तो मैं शाहजहांपुर को सुदामा पुरी बनाना चाहता हूं.
नई दिल्लीः पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने शुक्रवार को कहा कि सात साल में इस देश का नेतृत्व ऐसे व्यक्ति के हाथों में होगा जो मेरा "लाडला" होगा. यौन शोषण के मामले में साक्ष्य के अभाव में अदालत से दोषमुक्त किए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को मुमुक्षु आश्रम के सभागार में पत्रकारों से बातचीत के दौरान चिन्मयानंद ने कहा कि ''देश बदल रहा है और आने वाला परिवर्तन निश्चित ही सकारात्मक होगा. सात साल के अंदर इस देश का नेतृत्व ऐसे व्यक्ति के हाथों में होगा जो मेरा "लाडला" होगा.'
सीएम योगी को लेकर अटकलें तेज
हालांकि उन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि उनका वह “लाडला” कौन होगा लेकिन यह कयास लगाया गया कि उनका इशारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर है. स्वामी ने यह भी कहा कि ''मैं जहां हूं, जितना हूं, बिना राजनीतिक पद के, बिना दायित्व के वह सभी काम मैं कर सकता हूं, जो एक राजनीतिक व्यक्ति कर सकता है.'
सीएम योगी से है करीबी रिश्ता
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपना करीबी रिश्ता जाहिर करते हुए चिन्मयानंद ने कहा कि ''मैंने एक सफर में कहा था कि योगी आदित्यनाथ आप गोरखपुर को द्वारकापुरी बना रहे हैं तो मैं शाहजहांपुर को सुदामा पुरी बनाना चाहता हूं.' चिनमयानंद ने कहा ''मेरा सपना था और मैं संबंधों का लाभ शाहजहांपुर को देना चाहता था लेकिन नहीं दे सका.' उन्होंने नाम लिए बगैर अपने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि ''जिले को जो भी लाभ मिलने थे, उन्होंने वे खुद हासिल कर लिए, जबकि जनता को कम ही लाभ मिले हैं.'
अदालत के फैसले पर क्या बोले
अदालत के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ''हम न्यायालय का सम्मान करते हैं तथा आज हम सभी पापों से, आरोपों से तथा आक्षेपों से बरी हैं.'' उन्होंने कहा कि ''मिथ्या आरोप के जरिए हमारे कदमों को रोका गया लेकिन मैंने मुमुक्षु शिक्षा संकुल को स्वामी शुकदेवानंद राजकीय विश्वविद्यालय बनवाने की लड़ाई जारी रखी और इसी का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के मौजूदा सत्र में इसे विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव आ सकता है.'
गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री तथा मुमुक्षु आश्रम के संस्थापक स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ उन्हीं के कॉलेज में पढ़ाने वाली उनकी एक शिष्या ने वर्ष 2011 में यौन शोषण का मामला दर्ज कराया था. चिन्मयानंद सरस्वती के अधिवक्ता फिरोज हसन खान ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बृहस्पतिवार को बताया था कि स्थानीय सांसद-विधायक अदालत के अपर जिला न्यायाधीश एहसान हुसैन ने बृहस्पतिवार को मामले की सुनवाई करते हुए साक्ष्य के अभाव में स्वामी चिन्मयानंद को बरी कर दिया है.
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