Bahraich violence: कौन हैं अमिताभ यश? सड़क पर बंदूक लेकर दंगाइयों को खदेड़ते दिखे, वीडियो आई सामने
Amitabh Yash in Bahraich: दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हो गए. इस घटना के बाद यूपी के बहराइच में माहौल बिगड़ गया और कई जगह आगजनी की घटनाएं देखी गईं. ऐसे में सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के बड़े अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर स्थिति को जल्द कंट्रोल में करने का आदेश दिया है. ऐसे में STF चीफ अमिताभ यश मौके पर पहुंचे हैं.
UP ADG Law & Order, STF Chief Amitabh Yash: उत्तर प्रदेश के बहराइच के एक गांव में रविवार, 13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान संगीत बजाने को लेकर दो समूहों के बीच झड़प के दौरान 22 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया और लोगों ने कई वाहनों में आग लगा दी, जिसके बाद पुलिस को स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा.
बहराइच महसी उप-मंडल से गुजरते समय जुलूस पर पत्थर फेंके गए और गोलियां चलाई गईं, जिसके बाद झड़पें शुरू हो गईं. जिला प्रशासन ने झड़पों के बाद महसी में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर संज्ञान लिया और जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक बुलाई. सीएम ने प्रदेश के बड़े अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर स्थिति को जल्द कंट्रोल में करने का आदेश दिया है. ऐसे में STF चीफ अमिताभ यश मौके पर पहुंचे हैं. अमिताभ यश ADG लॉ एंड आर्डर भी हैं. साथ ही ACS होम दीपक कुमार भी बहराइच पहुंचे.
सड़कों पर दंगाइयों को खदेड़ते नजर आए अमिताभ यश
कौन हैं STF चीफ अमिताभ यश?
राज्य सरकार ने साल की शुरुआत में एडीजी यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (STF) अमिताभ यश को अपर पुलिस महानिदेशक (ADG), कानून-व्यवस्था (L&O) का अतिरिक्त प्रभार सौंपा.
यूपी पुलिस की वेबसाइट पर उपलब्ध आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले 1996 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी अमिताभ यश, 52, 2017 में राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद से यूपी एसटीएफ का नेतृत्व कर रहे हैं. वह पहले यूपी एसटीएफ के महानिरीक्षक (IG) थे और बाद में जनवरी 2021 में पदोन्नति के बाद इसके एडीजी बने.
यश का रिकॉर्ड शानदार रहा है और उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, STF के रूप में जुलाई 2007 में खूंखार लुटेरे शिव कुमार पटेल उर्फ 'ददुआ' और अगस्त 2008 में अंबिका पटेल उर्फ 'ठोकिया' सहित चंबल क्षेत्र से डकैतों के विभिन्न गिरोहों को उखाड़ फेंकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
इसके अलावा भी STF के एसएसपी, आईजी और एडीजी के रूप में कई कुख्यात अपराधियों और कई आपराधिक गिरोहों के खात्मे में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है. उन्हें गहन मैनुअल और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी नेटवर्क का मास्टर माना जाता है.
बहराइच हिंसा
पुलिस ने कम से कम 30 लोगों को हिरासत में भी लिया है. सलमान नाम के एक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया है. पुलिस को उसके घर और दुकान से जुलूस पर गोली चलाने के सबूत मिले हैं. इसके अलावा, इस मामले में दस अन्य लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है.
झड़प के सिलसिले में दस लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. दस लोगों में से छह की पहचान अब्दुल हामिद, सरफराज, फहीम, साहिर खान, ननकऊ और मार्फ अली के रूप में हुई है. चार लोगों की पहचान अभी नहीं हो पाई है.
सीएम योगी ने क्या कहा?
X पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'बहराइच के महसी में कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. सभी को सुरक्षा की गारंटी दी गई है, लेकिन दंगाइयों और जिनकी लापरवाही के कारण यह घटना हुई, उनकी पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.'
उन्होंने कहा, 'मूर्तियों का विसर्जन जारी रहेगा. प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को मौके पर मौजूद रहने और धार्मिक संगठनों से बात कर मूर्तियों का विसर्जन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.'
पुलिस के अनुसार, जुलूस में शामिल राम गोपाल मिश्रा नामक व्यक्ति को गोली लगी. उसके परिवार के एक सदस्य ने बताया कि उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
अंतिम संस्कार से इनकार
सोमवार, 14 अक्टूबर को मिश्रा के परिवार के सदस्यों ने उनका अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया और कहा कि जब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता, तब तक वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. इसके बाद मिश्रा के शव को महसी उप-मंडल कार्यालय ले जाया गया, जहां स्थानीय लोग भी हाथों में लाठी-डंडे लेकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर एकत्र हुए. इलाके में एक बाइक शोरूम में भी तोड़फोड़ की गई.
बहराइच की पुलिस अधीक्षक (एसपी) वृंदा शुक्ला स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मौके पर मौजूद थीं.
इस बीच, शुक्ला ने लापरवाही के लिए दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया. शुक्ला ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, 'हम पूरी स्थिति पर नियंत्रण पा रहे हैं. हमने अपनी पूरी ताकत जुटा ली है. हम उन सभी उपद्रवियों को तितर-बितर करने की कोशिश कर रहे हैं जो परेशानी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. स्थिति नियंत्रण में है...'
शुक्ला ने कहा, '30 लोगों को हिरासत में लिया गया है. सलमान नामक एक आरोपी, जिसके घर से गोलियां चलाई गई थीं, को गिरफ्तार कर लिया गया है. दुर्गा प्रतिमा विसर्जन फिर से शुरू हो गया है. हम घटना के वीडियो की जांच कर रहे हैं और अन्य आरोपियों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं.'
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