नई दिल्ली: आजाद भारत के पहले मतदाता मास्टर श्याम सरण नेगी का निधन हो गया. उन्होंने कल्पा में अपने घर पर आखिरी सांस ली. श्याम सरण नेगी को मास्टर नेगी के नाम से जाना जाता था. मास्टर श्याम सरण नेगी 106 साल के थे. 2 नवंबर को ही बैलट पेपर के जरिए मास्टर नेगी ने 34वीं बार मतदान किया था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हिमाचल चुनाव 2022 के लिए की है वोटिंग
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 12 नवंबर को वोटिंग की जाएगी और 8 दिसंबर को नतीजे आएंगे. चुनाव आयोग ने 68 सीटों के लिए एक ही चरण में मतदान का ऐलान किया था.


80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता और दिव्यांग वोटर्स के लिए पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान की व्यवस्था की गई. इसके लिए पहले चरण में 1 से 3 नवंबर को वोटिंग हुई थी. 2 नवंबर को देश के पहले मतदाता मास्टर नेगी ने वोट डाला था.


मास्टर नेगी ने पहली बार कब की थी वोटिंग
श्याम सरण नेगी का जन्म 1 जुलाई 1917 को किन्नौर जिले के उस वक्त के गांव चिन्नी और अब के कल्पा में हुआ था. आजाद भारत के पहले चुनाव के लिए देश भर ने 1952 में वोट डाले थे, लेकिन तब की राज्य व्यवस्था में किन्नौर सहित ऊंचे हिमालयी पर्वतीय क्षेत्रों में 25 अक्टूबर,1951 को वोट डाले गए थे. क्योंकि वैसे तो भारत के अन्य हिस्सों में फरवरी-मार्च, 1952 में वोट डाले जाने थे. किन्नौर जैसी ऊंची बर्फबारी वाली जगहों में पहले ही मतदान करा लिया गया था.


अक्टूबर 1951 में नेगी ने पहली बार संसदीय चुनाव में वोट डाला था. नेगी कहते थे कि मैं अपने वोट की अहमियत जानता हूं. उन्होंने कुछ दिनों पहले ही ये कहा था कि कि हो सकता है कि इस चुनाव में ये मेरा आखिरी मतदान हो.


इसे भी पढ़ें- वेश्यालय के ग्राहक को नहीं छोड़ा जा सकता, अगर लड़की ने जबरदस्ती संबंध की शिकायत की : कोर्ट


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.