MP की `मोहन सरकार` ने क्यों लिया दूसरे राज्यों में धर्मशालाएं बनाने का फैसला? जानें कारण
सीएम मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि मंदिर, देव-स्थान के साथ-साथ सामाजिक चेतना-समरसता का भी केंद्र बनें.
भोपाल. मध्य प्रदेश की बीजपी सरकार ने देव स्थानों के विकास के लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति बनाने का फैसला लिया है. इस उपसमिति से धर्मस्व, राजस्व और संस्कृति विभाग को जोड़ा जाएगा. इतना ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में दूसरे राज्यों में धर्मशालाएं बनवाने का फैसला भी किया गया है.
डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मंत्रिमंडल के सदस्यों की अयोध्या यात्रा के बाद देव-स्थानों के संबंध में लिए गए निर्णय और संकल्पों के क्रियान्वयन में राज्य शासन तेजी से आगे बढे़गा. कैबिनेट की अगली बैठक में मंत्रिमंडलीय उप समिति बनाकर धर्मस्व, राजस्व और संस्कृति विभाग को जोड़ा जाएगा. ग्रामीण इलाकों में स्थित देव-स्थानों के लिए पंचायत और ग्रामीण विकास, नगरीय क्षेत्र के देव-स्थानों के लिए नगरीय विकास और आवास विभाग भी इसमें शामिल रहेंगे.
क्या है सरकार का उद्देश्य
सीएम यादव ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि मंदिर, देव-स्थान के साथ-साथ सामाजिक चेतना-समरसता का भी केंद्र बनें. मंदिरों में सामूहिक विवाह जैसे सामाजिक कार्य संपन्न हों. अयोध्या धाम में राज्य सरकार धर्मशाला विकसित करेगी. राज्य के अंदर और बाहर स्थित प्रमुख देवस्थानों में भी राज्य सरकार धर्मशालाएं विकसित करने की दिशा में पहल करेगी. इतना ही नहीं अन्य राज्य सरकारों को मध्य प्रदेश स्थित देवालयों में अपने राज्य की तरफ से धर्मशालाएं विकसित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा-देवालयों में लगने वाली सामग्री जैसे भगवान श्रीकृष्ण के वस्त्र-आभूषण, श्रृंगार सामग्री, धातु और पत्थर की मूर्तियों के निर्माण को कुटीर उद्योग के अंतर्गत प्रोत्साहित किया जाएगा. सेल्फ हेल्प ग्रुप और क्षेत्र के युवाओं को इसके लिए मथुरा और जयपुर के कलाकारों से प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा और मंदिरों में इन सामग्रियों के विक्रय के लिए स्टॉल की व्यवस्था भी की जाएगी.
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