नई दिल्ली: Rajasthan Ministers Portfolios: राजस्थान में बीते महीने की 30 दिसंबर को भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल का गठन हो गया है. 22 मंत्रियों ने मंत्री पद की शपथ भी ले ली है. इनमें से 12 कैबिनेट मंत्री बनाए गईं. लेकिन शपथ लेने के बाद भी मंत्री बिना विभागों के बैठे हैं. कांग्रेस लगातार इस पर हमलावर है कि सरकार का कामकाज शुरू नहीं हो पाया है. मंत्रियों को विभाग न मिलने के पीछे वसुंधरा राजे को कारण बताया जा रहा है. जबकि कुछ लोगों का दावा है कि किरोड़ी लाल मीणा गृह मंत्रालय चाह रहे हैं, इसलिए विभाग बांटने में देरी हो रही है. लेकिन ये सारी खबरें बेदम हैं. मंत्रियों को विभाग न मिलने के पीछे करणपुर सीट का चुनाव है.


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करणपुर में अब चुनाव क्यों?
राजस्थान में इस बार 199 सीटों पर ही चुनाव हुए थे. श्रीगंगानगर की करणपुर सीट के कान्ग्रे प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के चलते इस सीट पर चुनाव नहीं हुए. लिहाजा, यहां 5 जनवरी जो चुनाव होना है. 8 जनवरी को मतदान होना है. भाजपा ने यहां से सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को टिकट दी है, जबकि कांग्रेस ने दिवंगत नेता गुरमीत सिंह कुन्नर के बेटे रूबी कुन्नर को मैदान में उतारा है. 


मंत्रियों को विभाग क्यों नहीं मिल रहे?
दरअसल, भाजपा ने करणपुर सीट से उम्मीदवार सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को मंत्री बना दिया है. ऐसे में अब मंत्रियों को विभाग बांटे जाने से आचार सहिंता का उल्लंघन हो सकता है. इसलिए भाजपा मंत्रियों को विभाग नहीं बांट रही है. माना जा रहा है कि 10 जनवरी से पहले मंत्रियों को विभाग दिए जा सकते हैं. 


कांग्रेस है हमलावर
करणपुर सीट के उम्मीदवार सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को मंत्री बनाने पर कांग्रेस हमलावर है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इसे संविधान का उल्लंघन बताया है. जबकि भाजपा का तर्क है कि एक व्यक्ति विधायक न होने पर भी 6 महीने तो मंत्री रह सकता है.   


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