`मेरे पाकिस्तानी दोस्तों...हम IMF से ज्यादा पैसा देते,` क्यों राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर में कही ये बात
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि अगर पड़ोसी देश ने भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखे होते तो भारत पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मांगे गए पैकेज से भी बड़ा राहत पैकेज देता. वह जम्मू-कश्मीर में तीसरे चरण में होने वाले मतदान के मद्देनजर बांदीपुरा जिले के गुरेज विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे हैं.
नई दिल्लीः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि अगर पड़ोसी देश ने भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखे होते तो भारत पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मांगे गए पैकेज से भी बड़ा राहत पैकेज देता. बांदीपुरा जिले के गुरेज विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2014-15 में जम्मू-कश्मीर के लिए घोषित प्रधानमंत्री विकास पैकेज का जिक्र किया.
जम्मू-कश्मीर को दिए राहत पैकेज का किया जिक्र
वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा, 'पीएम मोदी ने 2014-15 में जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की थी जो अब 90 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. यह राशि पाकिस्तान की ओर से आईएमएफ से मांगी गई राशि (राहत पैकेज के रूप में) से कहीं अधिक है.' सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रसिद्ध कथन का उल्लेख किया, 'हम दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं बदल सकते.'
उन्होंने कहा, 'मैंने कहा, मेरे पाकिस्तानी दोस्तों, हमारे बीच तनावपूर्ण संबंध क्यों हैं, हम पड़ोसी हैं. अगर हमारे बीच अच्छे संबंध होते, तो हम आईएमएफ से अधिक धन देते.' सिंह ने कहा कि केंद्र जम्मू-कश्मीर को विकास के लिए धन देता है जबकि पाकिस्तान लंबे समय से वित्तीय सहायता का दुरुपयोग कर रहा है.
उन्होंने कहा, 'वह अपनी धरती पर आतंकवाद की फैक्ट्री चलाने के लिए दूसरे देशों से धन मांगता है.' रक्षा मंत्री ने कहा कि जब घाटी में 'इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत' बहाल करने का वाजपेयी का सपना साकार होगा तो कश्मीर फिर से धरती का स्वर्ग बन जाएगा.
सिंह ने कहा कि भारत के खिलाफ आतंकवाद को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने वाला पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग पड़ गया है और उसके कुछ विश्वस्त सहयोगी भी पीछे हट गए हैं.
आतंक की जांच में हमेशा मिली पाक की संलिप्तता
उन्होंने कहा, 'जब भी हमने आतंकवाद की जांच की है, तो हमें पाकिस्तान की संलिप्तता ही मिली है. हमारी सरकारों ने पाकिस्तान को यह समझाने की कोशिश की है कि उन्हें आतंकी शिविर बंद करने चाहिए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान हताश है और आतंक को फिर से जिंदा करने की कोशिश कर रहा है. वे नहीं चाहते कि यहां लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हों. (लेकिन) भारत इतना मजबूत है कि वह पाकिस्तान से उसकी धरती पर मुकाबला कर सकता है. अगर पाकिस्तान से कोई भारत पर हमला करता है, तो हम सीमापार करके जवाब दे सकते हैं.'
सिंह ने कहा कि पाकिस्तान अब अलग-थलग पड़ गया है. उन्होंने कहा, 'यहां तक कि तुर्की, जो पाकिस्तान का समर्थन करता था, उसने भी संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का जिक्र नहीं किया.'
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