नई दिल्लीः वक्त था 27 मई 1964 का, जब भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का निधन हो गया. अब देश को दूसरे प्रधानमंत्री की तलाश थी. राजधानी दिल्ली में कांग्रेस के दफ्तर में हलचलें तेज हो गई थीं. मुद्दा था दूसरी बार देश का कमान किसे सौंपा जाए. पीएम पद के उम्मीदवार के रूप में मोरारजी देसाई, वीके कृष्ण मेनन, वाई बी चव्हाण, इंदिरा गांधी, जय प्रकाश नारायण, एसके पाटिल और तत्कालीन कार्यवाहक प्रधानमंत्री गुलजारीलाल नंदा सरीखे कई नाम सामने आ रहे थे. 


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9 जून 1964 को शास्त्री जी ने ली PM पद की शपथ
हालांकि, इन नामों से पड़े तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष के. कामराज अलग ही भारत के नए प्रधानमंत्री की पटकथा लिख रहे थे. सीपी श्रीवास्तव ने अपनी किताब ‘लाल बहादुर शास्त्री: ए लाइफ ऑफ ट्रुथ इन पॉलिटिक्स' में लिखा है कि 30 मई 1964 को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई गई. इस दौरान नए पीएम पद पर चर्चा की गई. 1 जून 1964 की बैठक में तय हुआ कि के. कामराज जो फैसला लेंगे, वह मान्य होगा. लिहाजा 2 जून को गुलजारीलाल नंदा ने पीएम पद के लिए लाल बहादुर शास्त्री का नाम प्रस्तावित किया और 9 जून 1964 को शास्त्री जी ने भारत के दूसरे पीएम पद की शपथ ली. 


1966 में समझौते के लिए ताशकंद गए थे शास्त्री जी
साल 1966 में लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल अयूब खान को समझौते के लिए ताशकंद बुलाया गया. अनिल शास्त्री और पवन चौधरी अपनी किताब ‘लाल बहादुर शास्त्री: लेसन्स इन लीडरशिप' में लिखते हैं कि उस दौरान ताशकंद में भीषण सर्दी थी. उस ठंड से निपटने के लिए शास्त्री जी के पास महज एक खादी का ऊनी कोट था. इसे देखते हुए रूसी PM एलेक्सी कोसिगिन ने शास्त्री जी के लिए एक गर्म कोर्ट भिजवाया. 


नहीं पहना रूसी PM का गिफ्ट किया कोट 
अगले दिन जब लाल बहादुर शास्त्री और एलेक्सी कोसिगिन की मुलाकात हुई, तो एलेक्सी कोसिगिन को उम्मीद थी कि शास्त्री जी उनकी ओर से गिफ्ट की गई कोर्ट पहन कर आएंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. शास्त्री वही ऊनी कोट पहने थे, जिसे वे अपने साथ भारत से लेकर गए थे. इस पर एलेक्सी कोसिगिन ने शास्त्री जी से पूछा कि क्या आपको मेरे द्वारा भेजा गया कोट पसंद नहीं आया? 


'PM शास्त्री एक सुपर कम्युनिस्ट हैं'
इस पर शास्त्री जी ने जवाब देते हुए कहा कि उस कोट को मैंने अपने एक स्टाफ को उधार दे दिया है. इस सर्दी से बचने के लिए उसके पास कोट नहीं था. मैं आपको आश्वासन देता हूं कि आगे जब भी मैं ठंडे देशों की यात्रा पर जाऊंगा आपके कोट का इस्तेमाल करूंगा. उस समय शास्त्री जी के स्वागत में एलेक्सी कोसिगिन ने एक कल्चरल इवेंट रखा था. इसी इवेंट में एलेक्सी कोसिगिन ने अपने भाषण के दौरान इस घटना का जिक्र किया और कहा कि हम लोग तो केवल कम्युनिस्ट हैं, लेकिन प्रधानमंत्री शास्त्री एक सुपर कम्युनिस्ट हैं. 


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