बिपिन रावत को ही क्यों चुना गया पहला CDS? यहां पढ़ें: उनकी जिंदगी की 7 अनोखी बातें
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के नाम से संशय खत्म हो चुका है. आर्मी चीफ बिपिन रावत को इस जिम्मेदारी के लिए परफेक्ट माना गया है. 31 दिसंबर को सेनानिवृत हो रहे जनरल बिपिन रावत के जीवन से जुड़ी उन 7 बातों से रूबरू करवाते हैं, जिसके बारे में कम ही लोगों को जानकारी होगी.
नई दिल्ली: देश की तीनों सेना को एक धागे में पिरोने के लिए और आपसी तालमेल बिठाने के मकसद से एक बड़ी रणनीति को धरातल पर उतारने की तैयारी तेज हो गई है. पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के नाम से सस्पेंस खत्म हो चुका है. वर्तमान सेनाप्रमुख को CDS नियुक्त करने का ऐलान हो गया है.
सरकार का ऐतिहासिक कदम
दरअसल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति का सुक्षाव कारगिल सुरक्षा समिति ने दिया था. जिसके तहत थलसेना, वायुसेना और नौसेना के सेनाध्यक्षों से ऊंचे ओहदे पर सीडीएस होगा. इस अहम फैसले के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को ही ऐतिहासिक सैन्य सुधार की घोषणा करते हुए जानकारी दी थी. जिसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल के नेतृत्व वाली कमेटी ने एक रिपोर्ट सौंपकर इस पद के लिए बिपिन रावत के नाम पर मुहर लगा दिया है. मोदी सरकार का ये फैसला सैन्य सुधार के लिए भारतीय सुरक्षा के मद्देनजर एक ऐतिहासिक फैसला है. और इस इतिहास के पन्ने पर पहले नाम के तौर पर वर्तमान सेनाध्यक्ष को चुना गया है.
कौन हैं सेनाप्रमुख जनरल बिपिन रावत?
जन्म के साथ से ही बिपिन रावत का पहाड़ों से गहरा नाता रहा है. शायद ये एक बड़ी वजह है कि उनके इरादे चट्टानों की तरह मजबूत हैं. सेनाध्यक्ष बिपिन रावत का जन्म उत्तराखण्ड के पौढ़ी गढ़वाल में हुआ था. उनकी शुरुआती स्कूली पढ़ाई शिमला के एडवर्ड स्कूल में हुई. यानी वो बचपन से ही चट्टानों और वादियों के बीच घिरे रहे हैं. उनके पिता एलएस रावत भी सेना में बड़े अधिकारी थे. वे भारतीय सेना के डिप्टी चीफ के पद से रिटायर हुए थे.
अब आपको सेनाप्रमुख जनरल बिपिन रावत के जिंदगी की उन 7 बातों से रूबरू करवाते हैं, जिसके बारे में शायद ही कोई जानता होगा या कहीं सुना होगा.
1).
साल 1978 में बिपिन रावत को देहरादून में स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी के पास आउट होने पर 11वीं गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में कमीशन के लिए चयनित किया गया. बिपिन रावत भारतीय सैन्य एकेडमी के बेस्ट कैडेट थे. उन्हें स्वार्ड ऑफ ऑनर भी मिला था.
2).
सेनाप्रमुख बिपिन रावत को उनके पूरे करियर में अबतक अनेकों सम्मान से नवाजा जा चुका है. जिनमें अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल और सेना मेडल आदि जैसे कई सम्मान शामिल हैं.
3).
शायद काफी कम ही लोगों को इस बात की जानकारी होगी कि जनरल बिपिन रावत अपने समयय में भारतीय सैन्य अकादमी के सर्वश्रेष्ठ केडेट थे और उन्हें स्वार्ड ऑफ ऑनर भी दिया मिला था.
4).
जनरल बिपिन रावत ने सेना प्रमुख की जिममेदारी संभलने से पहले दक्षिणी कमान के कमांडर और सहसेनाध्यक्ष का पदभार भी संभाला था. और उस वक्त उन्होंने अपनी कार्यशैली से हर को अपनी अहमियत काम के बलबूते समझा दी थी.
5).
हिंदुस्तान के वर्तमान सेनाधयक्ष को कांगो में मल्टूनेशनल ब्रिगेड की कमान संभालने के साथ-साथ यूएन मिशन में सेक्रेटरी जनरल औऱ फोर्स कमांडर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर तैनात किया जा चुका है.
6).
सेनाप्रमुख ने कई लेख लिखे हैं, जो दुनियाभर में काफी मशहूर है. जनरल बिपिन रावत के द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा पर लिखे गये अनेकों लेख दुनियाभर के कई जर्नल्स में प्रकाशित भी किए जा चुके हैं.
7).
बिपिन रावत के हुनर की जितनी सराहना की जाए, वो कम ही होगी. सेना प्रमुख को मिलिट्री मीडिया स्ट्रैटिजिक स्टडीज पर शोध के लिए डॉक्टरेट की उपाधि से भी नवाजा जा चुका है.
इसे भी पढ़ें: NSA प्रमुख अजित डोवाल ने सौंपी रिपोर्ट, आर्मी चीफ रावत पहले CDS