नई दिल्ली: जहां एक तरफ अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है, तो वहीं लखनऊ में भव्य लक्ष्मण मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. ये मंदिर लखनऊ के जानकीपुरम एक्सटेंशन के गोहना कला गांव में बन रहा है. प्रस्तावित  मंदिर का 12 मई को भूमि पूजन किया गया.


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कैसा होगा लखनऊ में बनने वाला लक्ष्मण मंदिर


इस मंदिर को लक्ष्मण पीठ सेवा न्यास बनवा रहा है, जिसके अध्यक्ष पंडित धीरेंद्र वशिष्ठ ने कहा कि मंदिर एक एकड़ जमीन में बनेगा और इसकी ऊंचाई 81 फीट होगी. 


साथ ही उन्होंने कहा कि, 'मंदिर के निर्माण में लगभग पांच साल लगेंगे जिस तरह से अयोध्या धाम है जिस तरह से काशीधाम है उसी तरह से लक्ष्मणपुरी भी धाम है क्योंकि यहीं पर त्रेता युग में भगवान लक्ष्मण अपनी पत्नी उर्मिला के साथ आए थे उतना ही पवित्र स्थान भी है और यहां पर मंदिर बनना चाहिए इसलिए हम यहां मंदिर बना रहे हैं.'


राजधानी लखनऊ का नाम बदलने की मांग


पंडित धीरेंद्र वशिष्ठ ने आगे कहा कि 'हम सरकार से मांग भी करते हैं कि जैसे कि फैजाबाद का नाम अयोध्या किया गया, इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया गया, उसी तरह से लखनऊ का नाम बदलकर लक्ष्मणपुरी किया जाए.'


मंदिर में लक्ष्मण, उनकी पत्नी उर्मिला की मूर्तियां होंगी और शिव परिवार और राम दरबार की भी मूर्तियां होंगी. यह एक वृद्धाश्रम मंदिर परिसर का हिस्सा होगा, जिसका नाम उर्मिला के नाम पर रखा जाएगा.


पद्म विभूषण जगत गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज के दीक्षा प्राप्त शिष्य धीरेन्द्र वशिष्ठ जी ने बताया कि 'अपने गुरु की इच्छापूर्ति के लिए वह 2017 से निरन्तर लखनऊ में लक्ष्मण मंदिर के निर्माण के लिए कृतसंकल्पित भाव से कार्य कर रहे हैं.'


वहीं भूमि पूजन कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि 'भव्य लक्ष्मण मंदिर बन रहा है और अगर मेरे पास प्रस्ताव आता है, तो मैं जरूर लखनऊ का नाम लक्ष्मण पूरी करने के लिए सरकार को पत्र भेजूंगी.'


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