नई दिल्ली: Maharashtra MLA Disqualification: महाराष्ट्र में आज का दिन सियासी रूप से काफी अहम साबित हो सकता है. शाम 4 बजे विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर शिवसेना (शिंदे गुट) के 16 विधायकों की योग्यता पर फैसला देंगे. इन 16 विधायकों में सीएम शिंदे भी शामिल हैं. खास बात ये है कि दल-बदल कानून का उल्लंघन करने के मामले में इन्हें अयोग्य घोषित किया जाता है, तो भी भाजपा की सरकार नहीं गिरने वाली है. इसके पीछे राज्य का सियासी गणित है, जिसे समझना जरूरी है. 


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जब शिवसेना में हुई थी बगावत
राज्य का सियासी गणित समजने से पहले ये जान लें कि शिवसेना (शिंदे गुट) के 16 विधायकों पर अयोग्यता की तलवार क्यों लटक रही है. दरअसल, 2019 में भाजपा और शिवसेना ने साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा. नतीजों में दोनों दलों को बहुमत मिला, लेकिन शिवसेना के प्रमुख और बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे CM कुर्सी चाह रहे थे. भाजपा इससे राजी नहीं थी, इस कारण उन्होंने गठबंधन तोड़ लिया. इसके बाद वो कांग्रेस और शरद पवार की पार्टी NCP के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गए.  लेकिन ढ़ाई साल बाद यानी जून 2022 में शिवसेना में बगावत हुई. इस बगावत को शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे लीड कर रहे थे. शिंदे समेत 16 विधायकों ने भाजपा को समर्थन दे दिया. 


सुप्रीम कोर्ट भी गया था मामला
इसके बाद एकनाथ शिंदे को भाजपा ने सीएम बना दिया और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाया गया. इस दौरान शिंदे और उद्धव में दल-बदल कानून के तहत एक-दूसरे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि 16 विधायक योग्य हैं या अयोग्य हैं, इस पर महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर फैसला करेंगे. आज शाम को इसी फैसले की घड़ी है. 


ये है महाराष्ट्र का सियासी गणित
यदि स्पीकर का फैसला शिंदे गुट के खिलाफ आता है, तब भी भाजपा कंफर्टेबल स्थिति में मानी जा रही है. दरअसल, महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटें हैं. सरकार बनाने के लिए 147 विधायकों की जरूरत होती है. ऐसे में यदि 16 विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया जाता है, तो सदन में 272 विधायक रह जाएंगे और बहुमत का आंकड़ा 137 हो जाएगा. ऐसे में भाजपा के पास 105, NCP (अजित पवार गुट) के पास 41, बहुजन विकास आघाडी के पास 3, प्रहार जनशक्ती पार्टी के पास 2,  राष्ट्रीय समाज पक्ष पार्टी के पास1, जनसुराज्य शक्ति पार्टी के पास 1, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के पास 1 और 13 निर्दलीय विधायक हैं. इन सबका समर्थन सरकार के पास रहेगा. इन विधायकों की कुल संख्या 192 है, जो बहुमत के आंकड़े से अधिक है. लिहाजा, शिंदे गुट के विधायक अयोग्य ठहराए जाएं, तो भी सरकार पर कोई खतरा नहीं है. 


विपक्ष के पास नहीं बहुमत का आंकड़ा
महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन का नाम महा विकास अघाड़ी है. इसमें शिवसेना (उद्धव गुट), NCP (शरद पवार गुट), कांग्रेस, सपा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, शेतकरी कामगार पक्ष, क्रांतिकारी शेतकरी पार्टी और एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं. इनके कुल विधायकों की संख्या 78 है, जो बहुमत के आंकड़े से नीचे ही है. इस कारण से महा विकास अघाड़ी को सरकार बनाने में कामयाब नहीं मिल सकती. 


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