नई दिल्ली: भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने तांडव मचा दिया है. आलम ऐसा है कि अस्पतालों के बाहर चींख, पुकार और रोने की आवाज सुनाई दे रही है. मरीजों के परिजन ऑक्सीजन का इंतजाम करने की कोशिश कर रहे हैं या रेमडेसिविर या फेवीफ्लू ढूंढ रहे हैं.


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वहीं दूसरी तरफ लोग घरों में सहमे और डरे बैठे हैं. आलम ये है कि रोजाना पूरे देश में साढ़े तीन लाख नए मरीज आ रहे हैं. वहीं तकरीबन ढाई हजार से ज्यादा रोजाना अपनी जान गंवा रहे हैं.


भारत में लोगों को इस तरह मरता और ऑक्सीजन के लिए तड़पता देखकर पूरी दुनिया का दिल पसीज आया है. क्या दोस्त, क्या दुश्मन हर कोई लोगों की सलामती की दुआ कर रहा है. पूरी दुनिया से भारत की तरफ मदद के हाथ बढ़ रहे हैं.



इस मानवीय आपदा के समय मदद की पेशकश करने वाले देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस से लेकर यूरोपियन यूनियन तक शामिल है. ये सभी अपनी तरफ से चिकित्सा उपकरण, ऑक्सीजन,ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र और दवाएं भेज रहे हैं. आइए जानते हैं कौन सा देश भारत की किस तरह कर रहा है मदद.


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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पीएम मोदी से फोन पर चर्चा करते हुए भारत को कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के निर्माण के लिए कच्चा माल जल्द से जल्द भेजने की बात कही है. इसके अलावा अमेरिका ने भारत को वेंटिलेटर्स और अन्य चिकित्सा उपकरण देने को कहा है.


ब्रिटेन ने घोषणा की है कि वो भारत को 495 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स, 120 नॉन-इनवेसिव वेंटिलेटर्स और 20 मैनुअल वेंटिलेटर्स एक सप्ताह के अंदर मुहैया कराएगा. इनमें से 100 वेंटिलेटर्स और 95 ऑक्सीजन कंटसेंट्रेटर्स मंगलवार को विशेष विमान से भारत पहुंच गए.


जर्मनी भारत को तीन महीने के लिए मोबाइल ऑक्सीजन प्रोडक्शन प्लांट मुहैया कराएगा. इसके अलावा 120 वेंटिलेटर, 8 करोड़ से अधिक KN95 मास्क भी जर्मनी भारत को देगा. इसके अलावा भारत जर्मनी से 23 मोबाइल ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट्स का आयात कर रहा है. जो कि तत्काल राहत के लिए हवाई मार्ग के रास्ते भारत आएंगे.


हर मौसम में भारत का दोस्त माने जाने वाले फ्रांस ने दो चरण में राहत सामग्री भेजने का फैसला किया है. पहले चरण में वो आठ बड़े ऑक्सीजन जनरेटिंग प्लांट्स भेजेगा जिन्हें जल्दी स्थापित किया जा सकता है.


इसके अलावा लिक्विड ऑक्सीजन,  28 रेस्परटेर्स और उनके साथ इस्तेमाल किए जाने वाली सामग्री और 200 इलेक्ट्रिक सिरिंज पुशर्स इस सप्ताह भेजेगा. इसके बाद दूसरे चरण में फ्रांस भारत को पांच लिक्विड ऑक्सीजन कंटेनर देगा.


ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने मंगलवार को ऐलान किया कि ऑस्ट्रेलिया भारत को 500 वेंटिलेटर,5 लाख पी2 और एन-95 मास्क, 10 लाख सर्जिकल मास्क, 1 लाख काले चश्मे, 1 लाख जोड़े दस्ताने और 20,000 फेस शील्ड मदद के रूप में भेजेगा.


रूस ने कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए मेडिकल ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इन्जेक्शन की आपूर्ति करने की पेशकश की है. बताया जा रहा है कि अगले 15 दिनों के अंदर रूस राहत सामग्री भारत भेजेगा.


इसके अलावा कई अन्य देशों ने भी मदद का ऐलान किया है जिसमें आयरलैंड ने 700 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स, सिंगापुर ने 250 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स, 500 BiPAPs, 4 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन कंटेनर्स और अन्य मेडिकल सप्लाई मुहैया कराने की बात कही है.


वहीं सऊदी अरब ने समुद्री मार्ग के जरिए 80 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन भेज रहा है. आपात स्थिति में कुछ टैकर्स पहले ही हवाई मार्ग से भारत आ चुके हैं.


हांगकांग भारत को 800 ऑक्सीजन कंटसेंट्रेटर्स,  थाइलैंड 4 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंक और यूएई 6 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन कंटेनर्स देगा. वहीं कुवैत मेडिकल सामग्री भारत को भेजेगा.


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