Ratan Tata net worth: सम्मानित उद्योगपति और टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष रतन नवल टाटा का गुरुवार को 86 वर्ष की आयु में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया. रक्तचाप (BP) में अचानक गिरावट के कारण उन्हें ICU में भर्ती करना पड़ा था.


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हालांकि उन्हें पहले भी नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए भर्ती कराया गया था, लेकिन टाटा ने सोशल मीडिया पर उनकी स्थिति के बारे में लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा था कि चिंता की कोई बात नहीं है. लेकिन सोमवार को अपनी हेल्थ अपडेट देने के दो दिन बाद ही उनका निधन हो गया. 


स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं और सार्वजनिक प्रतिक्रिया
टाटा की मृत्यु पर जनता की प्रतिक्रिया से पता चलता है कि पूरे भारत में उनके प्रति कितना स्नेह और सम्मान है. उद्योग और समाज में उनके योगदान ने उन्हें एक प्रिय व्यक्ति बना दिया है और उनके स्वास्थ्य से जुड़ी कोई भी खबर आम जनता के लिए बड़ी हो जाती है. बता दें कि टाटा का दान देने में कोई मुकाबला नहीं था. 


रतन टाटा की कुल संपत्ति: एक अंदाजा
उनके मृत्यु के बाद लोग ये भी जानना चाहते हैं कि वे अपने पीछे कितनी संपत्ति छोड़ गए? भारत के सबसे बड़े समूहों में से एक में एक प्रमुख खिलाड़ी होने के बावजूद, टाटा की व्यक्तिगत संपत्ति अरबपति वर्ग में उनके समकालीनों की तुलना में अपेक्षाकृत मामूली है. IIFL वेल्थ हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2022 के अनुसार, रतन टाटा की कुल संपत्ति लगभग ₹3,800 करोड़ होने का अनुमान है, जो उन्हें रैंकिंग में 421वें स्थान पर रखता था. यह उससे पिछले वर्ष की तुलना में सुधार था जब वे ₹3,500 करोड़ की कुल संपत्ति के साथ 433वें स्थान पर थे.


उनकी कम संपत्ति का कारण
रतन टाटा की कुल संपत्ति का मामूली आंकड़ा काफी हद तक उनके परोपकारी प्रयासों के कारण है. टाटा ट्रस्ट, जो टाटा संस में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखती है, वह अपनी आय का 66% शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और ग्रामीण विकास सहित विभिन्न धर्मार्थ कार्यों में योगदान करती है. परोपकार के प्रति यह प्रतिबद्धता टाटा के मूल्यों को रेखांकित करती है और टाटा समूह के भीतर केवल लाभ कमाने की तुलना में सामाजिक जिम्मेदारी को प्राथमिकता देने की एक लंबी परंपरा को दर्शाती है.


रतन टाटा की पृष्ठभूमि
28 दिसंबर, 1937 को मुंबई में जन्मे रतन टाटा एक प्रतिष्ठित परिवार से थे. वे नवल टाटा और सुनी टाटा के बेटे हैं, दोनों ने उनके मूल्यों और करियर को आकार देने में प्रभावशाली भूमिका निभाई. रतन टाटा ने शिमला में बिशप कॉटन स्कूल में जाने से पहले मुंबई में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की. उनकी शैक्षणिक यात्रा विदेश में जारी रही, जहां उन्होंने ऐसे कौशल और अंतर्दृष्टि हासिल की जो उनके पेशेवर जीवन में अमूल्य साबित हुई.


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