नई दिल्ली.  एक तरफ भारतीय सीमा पर सैन्य-तनाव जारी है दूसरी तरफ चीन के बकवास टाइम्स अर्थात ग्लोबल टाइम्स को अपनी बकवास की परवाज से फुरसत नहीं है. दरअसल ये चीनी मीडिया की अनाप-शनाप भी उसकी युद्धनीति का एक हिस्सा है जिसका इस्तेमाल करके दूसरे देश के ऊपर मानसिक दबाव बनाने की कोशिश की जाती है. अब फिर इस अनाप-शनाप टाइम्स ने भारत के खिलाफ किया है अनर्गल प्रलाप.


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''भारत लद्दाख को डोकलाम न समझे''


जाहिर ही है कि ग्लोबल टाइम्स में जो छपता है चीन की सरकार ही छपवाती है. भारत-चीन सेना के बीच जारी सैन्य गतिरोध के दौर में लगातार अपनी निकम्मी कोशिशें करके भारत पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की  ग्लोबल टाइम्स की मंशा है. ऐसे ही इसके एक सरकारी लेख में भारत को धमकी दी गई है कि भारत लद्दाख को लेकर कोई ग़लतफ़हमी न पाले. लद्दाख को डोकलाम समझना भारत की भूल होगी.


चीन की हीन-भावना नज़र आई 


चीन की सरकार द्वारा लद्दाख की गलवान घाटी में हजारों सैनिकों की तैनाती के साथ सैन्य तनाव की स्थिति बनाने वाला चीन अपने भाड़े के मीडिया की मदद ले रहा है ताकि भारत पर अतिरिक्त दबाव बनाया जा सके. इस काम में इस्तेमाल हो रहे ग्लोबल टाइम्स में चीन की सरकार ने भारत को धमकी देने वाले अंदाज़ में कहा है कि डोकलाम में जो हुआ उससे चीन को सीखने को मिला और उसके बाद अब चीन ने अपने सैनिक साजोसामान में टैंक से लेकर ड्रोन तक को शामिल कर लिया है. इसलिए भारत इस गलतफहमी में न रहे कि लद्दाख डोकलाम है. 


''पहाड़ों पर जंग लड़ने की तैयारी की है''


ग्लोबल टाइम्स नामक इस चीनी अख़बार ने भारत को सीधी धमकी देते हुए लिखा है कि भारत को जान लेना चाहिए कि लद्दाख डोकलाम नहीं है और चीन की सेना ने भारत से पहाड़ों में जंग लड़ने के लिए अपनी पूरी तैयारी की हुई है. इस बात से भी ज़ाहिर होता है कि चीन मान कर चल रहा है कि भारत पहाड़ों पर चीन से बेहतर जंग लड़ सकता है.


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