नई दिल्ली.    चालबाज़ चीन यही करता आया है. जब भी इसके किसी उत्पाद पर दुनिया के किसी देश में प्रतिबंध लगता है तो वह उस उत्पाद को दूसरे रास्तों से उस देश में भेजने लगता है, जिसके बाद से उसके पकड़े जाने या उसका विरोध होने की संभावना नगण्य रहती है. किन्तु भारत सरकार ने एक सावधान कदम उठाकर सुनिश्चित किया है कि अब चीनी सामान मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया और वियतनाम के रास्ते से हो कर भी भारत नहीं पहुंच सके.


एफटीए का फायदा उठा रहा था चीन 


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एफटीए का अर्थ है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट.  अब तक किसी का ध्यान इस बात पर नहीं गया था  कि आसियान देशों के साथ भारत के एफटीए का फायदा चीन लगातार उठा रहा है. किन्तु ज्यों ही सरकार जानकारी में यह बात पहुंची, सरकार ने अविलम्ब बड़ा कदम उठा लिया है. आसियान देशों के भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते का नाजायज फायदा चीन अब नहीं ले पायेगा. 


21 सितंबर से होगी जांच 


एफटीए वाली चीन की ये चालबाज़ी भी दो दिन बाद से नाकाम हो जाने वाली है और वह आसियान देशों के साथ भारत के मुक्त व्यापार समझौते का अनुचित लाभ नहीं उठा पाएगा. भारतीय वित्त मंत्रालय ने बताया कि सोमवार 21 सितंबर से सरकार हर उस सामान की जांच के नए नियम लागू कर रही है जो कि एफटीए वाले देशों से हो कर भारत आ रहे हैं.


35 प्रतिशत बढ़ेगी कीमत


भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा आसियान देशों से हो कर भारत आने वाले सामान की जांच के लिए नए नियम लागू किये जा रहे हैं. इन नियमों के अंतर्गत इस सामान का आयात-कर्ताओं को सोर्स ऑफ ओरिजिन बताना होगा और इसके लिए सर्टिफिकेट भी पेश करना होगा. जिस देश से हो कर कोई सामान भारत आ रहा है, वहां उस सामान पर कम से कम 35 प्रतिशत की मूल्य-बढ़ोत्तरी होने पर ही उस सामान को उस देश का माना जाएगा और इस स्थिति में ही उसे एफटीए के तहत शुल्क-मुक्ति की सुविधा प्राप्त हो सकेगी.


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