Bihar election 2020: आखिर लालू के शासन को क्यों कहा गया था जंगलराज?
इस बार का बिहार चुनाव कई मायने में अलग है. बिहार में 30 साल से ज्यादा उम्र के वोटरों के मन में पुराने बिहार में अपराधियों के तांडव की यादें ताजा हैं. ऐसे लोग नीतीश के अकर्मण्यता से नाराज होने के बावजूद लालू के जंगलराज की वापसी नहीं चाहते हैं.
पटना: वैसे तो जो वोटर आज 30 साल के या उससे ज्यादा उम्र के वोटर हैं वो लालू राज से वाकिफ हैं. लेकिन जब नीतीश की सरकार बिहार में बनी उस समय जो 3 साल के थे वो आज 18 साल के पहले वोटर बन गए हैं. जिन्होंने लालू राज को देखा नहीं है. सिर्फ अपने बड़ों से कहानी के तौर पर सुना है. ऐसे में वो नीतीश के 15 सालों के काम को देखकर ही वोट देंगे.
लेकिन बिहार में 18 से 19 साल के वोटर करीब 7 लाख 20 हजार हैं. जबकि 20 से 29 साल के 1 करोड़ 60 लाख 55 हजार के करीब वोटर हैं.
आखिर 30 साल से ज्यादा उम्र के वोटर्स को लालू राज से डर क्यों?
15 साल के लालू राज में बिहार में अपहरण जैसे अपराध को उद्योग का दर्जा मिला. चोरी और डकैती तो आम बात हो गई थी. बिहार में क्राइम का आंकड़ा चरम पर था. सड़कों का हालत तो पूछिए मत. 5 किलोमीटर का सफर तय करने में 1 घंटे का समय लग जाता था. इतना ही नहीं आप अपने गंतव्य स्थान पर सही-सलामत पहुंच गए तो ये आपके लिए बडी उपलब्धि. गाड़ी के पीछे का चक्का गड्ढे से निकला नहीं की अगला चक्का फिर गड्ढे में मिलता था.
लालू राज में जातिवाद से अतिवाद तक
जातिवाद खत्म करने के नाम पर आए लालू राज में अपराधियों का बोलबाला हो गया. समाजवाद कब अपराध राज में बद गया किसी को पता ही नहीं चला. जातियों से परे पूरा बिहार अपराधियों के चंगुल में चला गया. दिनदहाड़े हत्या, मारपीट, डाकेजनी आम बात हो गई. ऐसा नहीं था कि सरकार में बैठे लोगों या पुलिस प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं थी. लेकिन कई बार अपराधी सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता या नेता ही हुआ करते थे. जिनपर पुलिस का जोर भी नहीं चलता था.
जंगलराज देख चुके लोग राजद से खौफजदा
यही कारण है कि तेजस्वी के वादे और दावे के बाद भी बिहार के लोग RJD पर दांव लगाने से बच रहे हैं. तेजस्वी की रैलियों में नौजवानों की भीड़ काफी जुट रही है. लेकिन इसमें 18 से 20 साल के औसत उम्र के वोटर है जिन्होंने अपने होशो हवास में लालू राज को नहीं देखा है. 40 से 60 साल के जो वोटर लालू के राज को देख चुके हैं वो RJD की वापसी से ही डरे हुए हैं.
लालू राज का आतंक लोगों के अंदर इसकदर घर कर बैठा है कि वो 15 साल के नीतीश सरकार में अपेक्षित विकास नहीं होने से नाराज तो हैं. लेकिन कहीं लालू का जंगलराज लौट नहीं आए इस डर से चुप बैठे हैं.
विनय कुमार सिंह की रिपोर्ट
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