नई दिल्ली. फिल्मों में पैसे लगाने का काम ऐसे नहीं होता जैसा मुंबई से बाहर बैठे मोटी अंटी के लोगों को लगता है. न आपको फिल्म प्रोडक्शन लाइन का ए पता है न जेड फिर भी ग्लेमर का ये धंधा इतना आकर्षक लगने लगता है कि लोग ऐसे ओफर मिलने पर बल्लियों उछलने लगते हैं. इस तरह से कहा जा सकता है कि ये सबसे आसान किस्म की ठगी के धंधों में से एक है. 


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कारोबारियों ने लिखाई एफआईआर 


जब दिल्ली के आर्थिक अपराध शाखा में पांच कारोबारियों ने आकर ये शिकायत लिखाई तब इस मामले पर से पर्दा उठा. इन कारोबारियों ने बताया कि अनिल कुमार नामक व्यक्ति ने उनसे सम्पर्क किया था. उसने इन पांचों लोगों को बताया कि वह एक फिल्म बनाने वाली प्रोडक्शन कंपनी से जुड़ा है. यदि आप लोग इसमें पैसा निवेश करेंगे तो आप बहुत बड़ा प्रॉफिट कमा सकेंगे. 


हां कर दी और दे दिए पैसे 


इन पांचों कारोबारियों ने बिना ज्यादा पूछ-ताछ किये हां कर दी. इन्होने आपस में बात की और सबने इस बात से इत्तेफाक किया कि ये सबसे अच्छा पैसे का इंस्वेस्टमेंट है. इसमें प्रॉफिट भी बहुत बड़ा होगा और नाम भी होगा. मुंबई की फ़िल्मी दुनिया से सम्पर्क बनेगा वो अलग से. बस तीनों ने एकमत हो कर हां कर दी और फिर पैसे भी दे दिए. 



 


प्रोड्यूसर ने बोतल में उतार लिया  


दिल्ली के आर्थिक अपराध शाखा में दिल्ली के पांच कारोबारियों ने शिकायत  दर्ज करते हुए बताया कि ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में उन्होंने हां कर दी और फंस गए. अनिल ने उनको प्रोडक्शन हाउस के डायरेक्टर चंद्रकांत शर्मा से मिलवाया और सभी का परिचय चंद्रकांत से करवाया. चंद्रकांत का ऑफिस सेक्टर 13 द्वारका इलाके में था. चंद्रकांत ने उनको बताया कि वह बॉलीवुड के साथ ही हॉलीवुड फिल्में भी बनाता है और हर साल करोड़ों की कमाई करता है. 


इन्वेस्टमेंट प्लान बता के ले लिए पैसे 


तथाकथित डायरेक्टर चंद्रकांत ने उनको समझाया कि  प्रोडक्शन हाउस में निवेश करने पर हर साल उन्हें निवेश की गई रकम का साठ प्रतिशत पैसा रिटर्न आएगा. उसने कई प्लान्स उनको बताये और उनसे पैसे भी लगवा लिए. शुरू में कुछ समय तो कुछ रिटर्न आया बाद में सारे चेक बाउंस हो गए और चेक देने वाला सारा गैंग भी फरार हो गया. पुलिस को जांच में पता चला कि चंद्रकांत के ठगी गिरोह में कुल इकहत्तर लोग काम करते थे.


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