नई दिल्ली. सेक्स वर्कर्स कॉलोनियल कज़िन्स होती हैं पोर्न एक्ट्रेस की. काम दोनो तरफ एक सा होता है लेकिन दाम दोनो तरफ ही अलग-अलग होते हैं. पोर्न एक्ट्रेस एक एक्टिंग सेक्स वर्कर होती है जो कैमरे के सामने 'परफार्म' करती है जबकि एक सेक्स वर्कर बंद दरवाजों के पीछे पर्दों के अन्दर अपनी रोटी के लिये अपनी रोजी को परफार्म करती है. दाम के अलावा काम में बस एक ही फर्क होता है - सेक्स वर्कर रीटेक्स नहीं करती! 


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'अलग होती है मेरी इन्डस्ट्री'


''जैसा मैने बताया, मैं एक पोर्न एक्ट्रेस हूं. दुनिया को गलतफहमी है कि एडल्ट इन्डस्ट्री में, जिससे मैं जुड़ी हुई हूं, काम बहुत आसान होता है. लेकिन ये सच नहीं है. मेरी इंटस्ट्री दुनिया की हर इन्टस्ट्री से बिलकुल अलग है. इसकी विषय वस्तु और इससे जुड़े लोगों की जिन्दगी औरों से अलग होती है क्योंकि एडल्ट इन्डस्ट्री का शेड्यूल भी अलग होता है और इसका रुटीन भी.''



 


'काफी कठोर हैं कानून हमारे'


 ''एडल्ट इंडस्ट्री की सबसे मुश्किल बात इसके कठोर कानून-कायदे होते हैं. फिल्म इन्डस्ट्री में तो एक बार नाम हो जाने के बाद संघर्ष समाप्त हो जाता है और काम आसान हो जाता है जबकि हमारी एडल्ट इन्डस्ट्री में परफार्मर के लिये पहले भी उतना ही संघर्ष है जितना बाद में फिर चाहे वो कोई मेल परफार्मर हो या फीमेल परफॉर्मर.''



 


'हमारे यहां आर्टिस्ट नहीं परफार्मर होते हैं'


''पोर्न इन्डस्ट्री में हमारा काम किसी भी कला से कम नहीं होता किन्तु हमारे काम को कला नहीं माना जाता. एडल्ट इन्डस्ट्री में आर्टिस्ट नहीं होते, परफार्मर होते हैं. हमारे काम को आर्ट नहीं परफार्मेन्स कहा जाता है. हम जितना अच्छा अपना काम करते हैं उतने ही अच्छे परफार्मर कहलाते हैं और अपनी इन्डस्ट्री में बने रहने के लिये हमें हमेशा अच्छा परफार्मर बने रहना होता है.''


(क्रमशः)


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