पीपीई किट का अंतर्राष्ट्रीय सप्लायर बनने जा रहा है भारत
भारत ने कोरोना-काल में आत्मनिर्भरता का अत्यंत व्यावहारिक सबक सीखा है और अब देश में बन रहे हैं लाखों मास्क जो विदेशों में भी भेजे जा रहे हैं. यही कार्य अब पीपीई किट के मामले में भी भारत के मंच से होने जा रहा है और आने वाले दिनों में भारत पीपीई किट का अंतर्राष्ट्रीय सप्लायर के रूप में जाना जाने वाला है..
नई दिल्ली. कोरोना-काल में कोरोना की दवाई की तरह ही जिन दो अन्य वस्तुओं की सर्वाधिक मांग है वे हैं मास्क और पीपीई किट. भारत मास्क के मामले में पहले ही न केवल आत्मनिर्भर हो चुका है बल्कि वह दुनिया के देशों को मास्क का निर्यात कर रहा है. अब भारत की बनी हुई पीपीई किट दुनिया भर में भेजी जाने वाली हैं.अब मेड इन इंडिया भी एक इंटरनेशनल ब्रांड बन चुका है.
इंटरनेशनल सर्टिफिकेशन की तैयारी
यह गर्व का विषय है कि कोरोना के इस तनाव और दबाव वाले दौर में भारत न केवल दवाइयों के क्षेत्र में बल्कि मास्क और पीपीई किट के मामले में भी दुनिया का बड़ा आपूर्तिकर्ता बनने जा रहा है. देश में इसके लिए आवश्यक अनिवार्य औपचारिकता अर्थात इंटरनैशनल सर्टिफिकेशन की तैयारियां तेज हो गई हैं. केंद्र सरकार द्वारा इस उद्योग से जुड़ी कंपनियों से कहा गया है कि वे इसके लिए इंटरनैशनल सर्टिफिकेशन की तैयारी करें.
पहले चीन पर निर्भर था भारत
भारत की यह बहुत बड़ी औद्योगिक तरक्की है. एक समय भारत पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट के लिए चीन का मुँह देखता था. आज हालत ये है कि भारत न केवल पीपीई किट के लिए आत्मनिर्भर हो गया है, बल्कि इसका निर्यात करने के लिए भी सक्षम हो गया है. अब भारत में निर्मित इन पीपीई किट के निर्यात के लिए केंद्र सरकार ने ग्लोबल सर्टिफिकेशन की प्राप्ति की दिशा में कदम बढाए हैं.
सीई मार्किंग की है जरूरत
भारतीय निर्माताओं के लिए यूरोपीय संघ में पीपीई किट के निर्यात के लिए सीई मार्किंग की जरूरत पड़ेगी. भारत सरकार घरेलू मांग को देखते आपूर्ति में संतुलन का ध्यान रखते हुए पीपीई किट के निर्यात पर फैसला करेगी. अब दुनिया देखेगी कि आने वाले दिनों में भारत पीपीई किट का एक विश्वस्त वैश्विक निर्यातक के रूप में भी जाना जाएगा.
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