नई दिल्ली: इसरो के चेयरमैन के. सिवन भारत के मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन ''गगनयान' की तैयारियों के  बारे में घोषणा कर दी है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि भारत ना केवल अंतरिक्ष में अपने नागरिकों को भेजेगा बल्कि उन्हें सुरक्षित वापस लेकर भी आएगा. 


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चार वायुसेना पायलटों का हुआ है चयन
अंतरिक्ष में भेजे जाने के लिए वायुसेना के चार ट्रेंड पायलटों का चयन किया गया है. इसके लिए 12 नामों पर विचार किया गया था. जिसमें से 4 का नाम आखिर में शॉर्टलिस्ट किया गया. इन पायलटों की पहचान गुप्त रखी गई है. इन सभी की ट्रेनिंग रुस के यूए गागरिन ऐंड टेस्ट कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में होने वाली है.


जनवरी के तीसरे सप्ताह में उनकी ट्रेनिंग शुरु हो जाएगी. यात्रियों की ट्रेनिंग के लिए इसरो ने रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस से सहयोग लिया है. 



इसलिए जरुरी है ट्रेनिंग 
अंतरिक्ष में गुरुत्व बल बेहद कम होता है. लेकिन उड़ान और वापसी के दौरान उन्हें कई गुना ज्यादा गुरुत्व का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा भारहीनता की स्थिति में मोशन सिकनेस, रक्त प्रवाह पर असर, स्थिति भ्रम जैसी स्थितियां पैदा होती हैं. 


इन हालातों का सामना करने के लिए ट्रेनिंग की जरुरत पड़ती है. गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में आने वाले बदलाव से पैदा हुई परिस्थितियों को सहन करने की क्षमता निर्माण के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को सेंट्रीफ्यूजेज और सेंट्रीफ्यूजेज आधारित सिम्युलेटर्स में रखे जाने की योजना है. 


इसके अलावा अंतरिक्ष यात्रियों को सभी तरह के सिस्टम, नेविगेशन और थर्मल कंट्रोल, ऑर्बिटल मेकेनिक्स एवं अर्थ ऑब्जर्वेशन से भी परिचित कराया जाएगा. 



कुछ ऐसा होगा अंतरिक्ष यात्रियों के खाने का मेन्यू


भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में खाने के लिए एग रोल, मूंग दाल हलवा, वेज पुलाव, इडली जैसे भारतीय खानों का मेन्यू तैयार किया गया है. मैसूर स्थित डिफेंस फूड रिसर्च लेबोरेटरी (Defence Food Research Laboratory) में  अंतरिक्ष की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए स्पेशल फूड मेन्यू तैयार किया है. 



गगनयान के यात्रियों का भोजन स्पेशल कंटेनर में रखा हुआ होगा. जिसे फूड हीटर में रखा जाएगा. ताकि यात्रियों को गर्म खाना मिल सके.