कोरोना लव स्टोरी: पहली नज़र का प्यार और कानपुर का बाजार
ये तो कमाल ही हो गया. इसी को प्यार कहते हैं. कोरोना की चिलचिलाती धूप में खिल जाए प्यार का मौसम इस महामारी के दौरान खाना बांट रहे नौजवान को सड़क पर प्यार हो जाए उस लड़की से जो भीख मांग रही हो..
नई दिल्ली. ऐसा हुआ है. ये कहानी नहीं जिंदगानी है जिसे होते हुए देखा गया है कानपुर के बाज़ार में. एक नौजवान जो एक बहुत अच्छे काम को दे रहा था अंजाम हुआ प्यार में गिरफ्तार उस नौजवान लड़की से जो उसकी नज़रों के सामने सड़क के एक कोने पर बैठ कर भीख मांग रही थी. अब कोई न कहे कि प्यार दीवाना नहीं होता है..
झट मुहब्बत पट ब्याह
ये कोई मज़ाक नहीं था, ये सच था और पूरी शिद्द्त से सच हुई है ये प्रेम कहानी. उत्तरप्रदेश के औद्योगिक नगर कानपुर जिले में देखा गया है ये अपनी किस्म की मुहब्बत का नज़ारा. कोरोना के लॉकडाउन से पीड़ित लोगों को खाना बांट रहे एक नौजवान ने अचानक देखा भीख मांगती एक लड़की को. दोनों की निगाहें मिली और मारियो पूजो की शैली में थंडरबोल्ट हो गया. अगला दृश्य जो लोगों ने देखा वो ये था कि दोनों ने भगवान बुद्ध के आश्रम में शादी कर ली थी.
सात सेकेंड बन गए सात जन्मों का साथ
हमारी इस समाचार कथा का नायक है अनिल जो खाना खिलाने के मानवीय कार्य में अपनी भूमिका निभा रहा था और नायिका है नीलम जो कानपुर के बाज़ार में भीख मांग रही थीं. सात सेकंड के लिए दोनों की नज़रें चार हुईं और प्यार हो गया. प्यार भी इस कदर हुआ कि सात जन्मों का साथ बनते इसे देर न लगी. दोनों ने झट शादी भी कर डाली और इनकी शादी का जश्न मनाया सोशल मीडिया ने जिसने इनकी शादी के वीडियो को वायरल कर डाला.
खाना मांगा तो भर दी मांग
ये राजा और रंक का मिलन तो नहीं था लेकिन उससे कम भी नहीं था. अनिल को दिल का राजा कहा जा सकता है लेकिन वक्त की मार की वजह से सड़क पर भीख मांगती नीलम रंक से कम भी नहीं थी. लॉकडाउन की बंदिशों के बीच पेट में जलती भूख की आग ने उसे भीख मांगने के लिए सड़क किनारे बैठा दिया. फुटपाथ पर भिखारियों के साथ बैठी नीलम ने मांगा खाना तो अनिल ने भर दी उसकी मांग. जिस नीलम को अनिल ने खाना खिलाया था अब नीलम उस अनिल को जीवन भर खाना खिलाएगी क्योंकि दोनों ने शादी कर ली है.
पिता नहीं हैं, मां को है लकवा
नीलम की ज़िंदगी आसान नहीं थी इसलिए ही उसे ये दिन देखने पड़े कि सड़क के किनारे बैठ कर भीख मांगनी पड़ी. नीलम के पिता गुजर चुके हैं और उसकी मां को लकवा हो चुका है. उसके भाई-भाभी ने मारपीट कर के उसे घर से निकाल दिया. गुजारे का कोई साधन न होने के कारण नीलम वह लॉकडाउन में खाना लेने के लिए फुटपाथ पर भिखारियों के बीच बैठती थी.
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