नई दिल्ली.  भारत के पक्ष में और चीन के विरोध में हाल ही में अमेरिका ने एक बिल पास किया है जिसका सामरिक लाभ भारत को मिल रहा है. इस बिल में अमेरिका ने अपने उस आदेश में संशोधन किया है जिसका फायदा भारत समेत अमेरिका के सभी वैश्विक मित्रों को मिल सकेगा.  



 


अमेरिका बढ़ायेगा मित्र देशों की ताकत


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अमेरिका ने चीन के खिलाफ हालिया बिल पास करके अपने सभी सहयोगियों की सामरिक शक्ति बढ़ाने की योजना पर मुहर लगा दी है. अब अमेरिका ने भारत की रक्षा क्षमता को बढ़ाने के लिए आठ सौ किलोमीटर की रफ्तार वाले मानव रहित विमान अनमैन्ड एयर विहकल्स की कैटगरी-1 के स्थान पर  कैटगरी-2 में डाल दिया है और भारत के लिये इसके निर्यात को स्वीकृति भी दे दी है.


भारत और लीबिया को होगा फायदा


अब अमेरिकी ड्रोन के निर्यात में किये गये इस संशोधन से भारत को तो फायदा होगा ही, मध्य पूर्व में भी अमेरिका के सहयोगियों को फायदा होगा और लीबिया में चीनी लड़ाके ड्रोन्स का मुकाबला करने में मदद मिलेगी. अब भारत को भी हाईस्पीड प्रीडेटर-बी आर्म्ड और ग्लोबल हॉक सर्विलांस ड्रोन्स अमेरिका से खरीदने में आसानी हो जायेगी. ये दोनों ड्रोन्स सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम हैं. 


चीन ने दिये हैं पाकिस्तान को ड्रोन्स 


अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार चीन ने पाकिस्तान को सीपीईसी और ग्वादर पोर्ट की सुरक्षा के लिए चार विंग लूंग आर्म्ड ड्रोन की आपूर्ति की है. इस ड्रोन की खासियत ये है कि ये  ड्रोन एक हजार किलोग्राम तक बम या एयर टू सर्फेस मिसाइल को लेकर उड़ान भर सकते हैं. चूंकि चीन और पाकिस्तान दोनो ही एमटीसीआर के सदस्य नहीं हैं इस कारण इन दोनो देशों पर इन ड्रोन्स के एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट के लिये  किसी तरह की रोक नहीं है.


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