लखनऊ. सीएम योगी आदित्यनाथ लकीर के फकीर नहीं हैं. वे नए नए उपायों को आजमाने के लिए जाने जाते हैं. उनका लक्ष्य सदा सफलता होती है और सफलता के लिए वे परिश्रम के साथ बुद्धिमानी के प्रयोग करना भी पसंद करते हैं. अब मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश में ले कर आये हैं बेहतर प्रशासन का एक नया फॉर्मूला - पुलिस कमिश्नर सिस्टम.


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क्या है पुलिस कमिश्नर सिस्टम 


प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस कमिश्नर सिस्टम अपराध और अपराधियों पर लगाम कसने के लिए लाया गया है. दूसरे शब्दों में ये नया सिस्टम  क़ानून-व्यस्था को मजबूत करने की नई प्रणाली के तौर पर कार्य करेगा.  पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू हो जाने के बाद पुलिस के पास मजिस्ट्रेट के अधिकार आ जाएंगे और पुलिस व्यवस्था अधिक प्रभावी तौर पर कार्य कर सकेगी.


कैबिनेट से मंज़ूरी का इंतज़ार 


शुरू में कुछ प्रमुख ज़िलों से शुरुआत करके  पुलिस कमिश्नर सिस्टम पूरे उत्तर प्रदेश में लागू किया जाएगा. कल रात मुख्यमंत्री योगी की सहमति और अनुशंसा के बाद अब इस पर कैबिनेट की मुहर लगनी है जिसके लिये आगामी मंगलवार का इंतजार है. कल रात इस सिलसिले में मुख्यमंत्री आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न हुई और आगे की कार्य-योजना तैयार की गई. अब 14 जनवरी की कैबेनेट मीटिंग में इस पर प्रस्ताव पास करने की प्रक्रिया पूरी की जायेगी. 



डीजीपी ओपी सिंह ने दिए संकेत 


पुलिस विभाग से इस सिस्टम को लेकर जानकारी मिलने के साथ ही इस बात के भी संकेत मिले हैं कि डीजीपी ओपी सिंह इस प्रस्ताव पर कैबिनेट की स्वीकार्यता के तुरंत बाद लखनऊ और गौतमबुद्धनगर में पुलिस कमिश्नर की तैनाती कर देंगे.  लखनऊ में स्थापना दिवस की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डीजीपी ओपी सिंह का वक्तव्य सामने आया था जिसमें उन्होंने लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नर सिस्टम बनाने को लेकर शासकीय स्तर पर हो रही चर्चा का ज़िक्र किया था.


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