नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेन्सी यानी NIA ने एक बड़ा खुलासा किया है. इससे पता चलता है कि पाकिस्तान परस्त आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद भारत में आतंकवादी हमला करने के लिए मोबाइल एप का सहारा ले रहा है. 


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NIA के दस्तावेजों से हुआ खुलासा
NIA ने पिछले साल पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जांच के बाद ये बड़ा खुलासा किया है. इस मामले की जांच में जुटी राष्ट्रीय जांच एजेन्सी की टीम ने जैश ए मोहम्मद के इस खास एप के बारे में पता लगाया है. इस एप का इस्तेमाल आंतकी ग्रुप भारत पर हमले के लिए कर रहे हैं.


ज़ी मीडिया के हाथ लगे NIA के दस्तावेजो से खुलासा हुआ है कि जैश text-now नाम के मोबाइल एप का इस्तेमाल कर रहा है. 



कुछ इस तरह करते हैं मोबाइल एप का इस्तेमाल
आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगनाओं ने इस मोबाइल एप को कई खास उद्देश्यों के लिए तैयार करवाया है. लेकिन उनका मकसद विनाश फैलाना है. आतंवादियों के आका इसी मोबाइल एप(text-now) के जरिए आतंकवादियों की भर्ती करते हैं. यही नहीं इसी एप के इस्तेमाल से आतंकवादी संगठन में शामिल क्रूर आतंकवादी एक दूसरे से बात भी करते हैं और तबाही फैलाने के संकेतों का आदान प्रदान करते हैं. 


NIA को ये भी खबर लगी है कि आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद इसी मोबाइल एप (text-now) के जरिए भारत में खतरनाक आतंकवादी हमलों की साजिश रच रहा है. 


बालाकोट में है कंट्रोल रुम
आतंकवादियों के आकाओं ने मोबाइल एप (text-now) का कंट्रोल रुम बालाकोट में बना रखा है. जहां आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना जम्मू कश्मीर और देश के अलग अलग हिस्सों में सक्रिय आतंकवादियों से संपर्क में रहते हैं. 


पुलवामा हमले की जांच में NIA को ये भी जानकारी मिली है कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स यानी CRPF के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले की साज़िश आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर ने रची थी. उसके छोटे भाई अब्दुल रउफ ने आतंकियों का ब्रेन वॉश करके उन्हें आतंवादी हमला करने के लिए राजी किया था. मसूद के भाई रउफ ने हमले के दौरान इसी  मोबाइल एप (text-now) के जरिये आतंकियो को हमले के लिए जरूरी निर्देश दिए थे. 


ज़ी मीडिया को मिली जानकारी


ज़ी मीडिया के पास पुलवामा हमले की साजिश के दौरान आतंकियो के बीच हुए बातचीत की पूरी डिटेल्स मौजूद है जिससे पता चलता है कि किस तरह सीमा पार पाकिस्तान से पुलवामा हमले की साज़िश रची गयी.



इस डिटेल के बाद बालाकोट पर एक बार फिर से सर्जिकल स्ट्राइक की जरुरत महसूस होने लगी है. जिससे कि आतंकियों का इलेक्ट्रोनिक संचार माध्यम को ध्वस्त किया जा सके.