नई दिल्ली.  भारत यूनाइटेड नेशंस की सिक्योरिटी काउंसिल में शामिल हो गया है. 192 वोटों में से भारत के पक्ष में 184 वोट पड़े और ध्वनिमत से भारत का स्वागत हुआ. भारत के शत्रु राष्ट्रों को भारत की इस गुड न्यूज़ से कितनी ईर्ष्या हुई है इसका प्रमाण मिल गया है. चीन तो पहले ही भारत की लद्दाख सीमा पर गतिरोध बनाये हुए है, पकिस्तान ने भारत के खिलाफ वोट दे कर अपना जगजाहिर रवैया फिर जाहिर कर दिया है. इतना ही नहीं पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने भी बयान दिया है कि ये कोई बड़ी बात नहीं हो गई है.  


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UN में प्रतिनिधि त्रिमूर्ति ने दी जानकारी 


 यूनाइटेड नेशंस में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने सुरक्षा परिषद में भारत के प्रवेश संबंधी जानकारी दी. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल को माध्यम बना कर ये जानकारी दी और लिखा कि यूनाइटेड नेशंस के सदस्य देशों ने भारत को भारी समर्थन प्रदान किया और अब भारत को 2021-22 तक के लिए यूएनएससी का अस्थाई सदस्य चुन लिया गया है. 



 


क्या है सुरक्षा परिषद में शामिल होने का महत्व 


भारत का सुरक्षा परिषद में सदस्य बनने का अर्थ है कि भारत अब विश्व शान्ति के लिए जिम्मेदार देशों के साथ मोर्चे पर खड़ा है. विश्व शांति की सुरक्षा करने वाले देशों में भारत भी शामिल हो गया है भले ही यह शामिल होना अस्थायी तौर पर हो. किन्तु अब भारत भी चीन और नार्थ कोरिया जैसे देशों के खिलाफ निर्णायक हो गया है. जो भी राष्ट्र विश्व शान्ति के नियमों का उललंघन करेगा सुरक्षा परिषद उसके विरुद्ध कार्रवाई करेगी और अब इन कार्रवाई करने वाले देशों में भारत भी है. 



 


क्या है सुरक्षा परिषद का कार्य 


यूनाइटेड नेशंस के छह प्रधान अंगों में सबसे महत्वपूर्ण है यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल अर्थात UNSC. सुरक्षा परिषद का मुख्य उत्तरदायित्व विश्व शान्ति से जुड़ा है. दुनिया कि शांति और सुरक्षा को  सुनिश्चित करना सुरक्षा परिषद का कार्य है.  सुरक्षा परिषद के कामों में संयुक्त राष्ट्र संघ में नए सदस्यों को शामिल करना और इसके चार्टर में बदलाव से जुड़ी जिम्मेदारियां भी हैं, दुनिया के देशों के लिए शांति मिशन को भेजना भी परिषद का कार्य है. साथ ही विश्व के किसी हिस्से में सैन्य कार्रवाई की आवश्यकता पड़ने पर सुरक्षा परिषद के रेजोल्यूशन के जरिए इसे कार्यान्वित करना भी सुरक्षा परिषद का अहम कार्य है.


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