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नई दिल्ली. ये समाचार ऊपरी तौर पर हास्यपूर्ण लगता है लेकिन परिस्थित पर हंसा जा सकता है कारण पर नहीं. कारण है कोरोना वायरस का आतंक जिसके कारण इस स्थिति में कोई भी होता उसकी प्रतिक्रिया वही होती जो इस छात्रा के चेकअप कर रहे डॉक्टर्स की रही. मूल रूप से ये समाचार न हंसने के लिए है न ही हैरान होने के लिए - ये समाचार है सावधान होने और सावधान रहने के लिए.



 


संत कबीरनगर में हुई ये घटना 


सारी दुनिया थर्राई हुई है कोरोना से. भारत में भी इस जालिम वायरस ने 80 से ज्यादा लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया हुआ है और दो लोगों की जान भी ले ली है. ऐसे में अगर दो चार डॉक्टर्स भी कोरोना से घबरा गए तो हैरानी की कोई बात नहीं है. ये घटना हुई उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर में. यहां के स्थानीय चिकित्सालय में जहां चीन से पढ़ कर आई हुई एक छात्रा चेकअप के लिए पहुंची थी. जब उसने अपनी जानकारी देते हुए चीन से आने की बात बताई तो वहां मौजूद डॉक्टर अपनी कुर्सी छोड़कर वहां से भाग निकले.


तीन फरवरी को आई थी छात्रा  


चीन में मेडिकल का कोर्स कर रही ये छात्रा तीन फरवरी को वापस आई थी. चूंकि चीन सर्वाधिक कोरोना ग्रस्त देश है इसलिए छात्रा की वापसी पर उसे कोरोना का संदिग्ध माना गया था और 28 दिनों के लिए निगरानी में रखा गया था.



 


साधारण सर्दी-खांसी का चेकअप कराना था 


चीन से आई हुई इस भारतीय छात्रा को निगरानी कैम्प से आने के बाद अब लगभग चाली दिन बाद सर्दी खांसी की साधारण समस्या हुई जिसके उपचार हेतु वह जिले के सरकारी अस्पताल में पहुंची थी. किन्तु ज्यों ही उसने डॉक्टर को बताया कि वो चीन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है, तो डॉक्टर सर पर पाँव रख कर नौ दो ग्यारह हो गया. 


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