नई दिल्ली. इस्लाम में शराब कुफ्र मानी जाती है अर्थात सच्चे मुसलमान को शराब पीना मना है. ऐसे में कट्टरपंथी देश पाकिस्तान के एक मौलवी ने लीक से हट कर बड़ी बात कह दी और उनकी बात पर एक तरफ तो ख़ुशी मनाई गई दूसरी तरफ हंगामा हो गया. मौलवी साहब ने कहा था कि 40 फीसदी से कम अल्कोहल वाली शराब पी जा सकती है और ऐसा करने पर मजहब में के किसी नियम के टूटने का कोई खतरा नहीं होगा.


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शराब चालीस फीसदी से कम अल्कोहल वाली हो


ये पाकिस्तान मौलवी पहले ही पाकिस्तान में विवादास्पद हैं. उनके इस नए ब्यान ने फिर उनको विवादों के घेरे में ले लिया है और उनकी जम कर आलोचना हो रही है.  मौलवी मुफ्ती अब्दुल क्यावी ने बयान दिया है कि 40 फीसद से कम अल्कोहल वाली शराब 'हलाल' है और ऐसी शराब पीने में कोई बुराई नहीं है.


''ऐसी शराब हलाल है''


विवादास्पद मौलवी क्यावी ने ये बात अपने एक एक साक्षात्कार में कही. उन्होंने कहा कि मेरे ख़याल से  40 फीसद से कम अल्कोहल वाली शराब हराम नहीं है, ऐसी शराब तो हलाल है यानी कि कोई मुसलमान अगर उसको पीता है तो उसमे कोई बुराई नहीं है.



 


फतवे पर अपनी राय ज़ाहिर की थी मौलवी ने 


इस इंटरव्यू में मौलवी ने उस फतवे को लेकर अपनी राय जाहिर कि जो कि सऊदी अरब में कथित रूप से जारी है. इस फतवे के बारे में जब उनकी राय पूछी गयी थी कि क्या 40 फीसद या उससे कम कम अल्कोहल वाली शराब हलाल है, तो जवाब में क्यावी ने कहा कि मेरे खयाल से ये तो खनिजों जैसे स्पीरिट, पेट्रोल और अन्य चीजों से बनी हुई होती है और ऐसी शराब सौ फीसदी हलाल है.


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