नई दिल्ली. सिर्फ भारत में ही नहीं है गंगा-जमुनी संस्कृति, भारत से बाहर भी हैं इसकी सुन्दर मिसालें. भारत की गंगा संस्कृति पर आजकल जमुनी संस्कृति ने हमला बोला हुआ है पर भारत से बाहर न केवल इसे स्वीकार किया गया है बल्कि पूरे सम्मान के साथ उसे समाज में स्थान भी दिया गया है. 


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भारत की शान हैं हिन्दू शेख कनकभाई 


ओमान एक इस्लामिक राष्ट्र है, सारी दुनिया जानती है. लेकिन इस इस्लामिक राष्ट्र में एक हिन्दुस्तानी शख्सियत के नाम का डंका बजता है और उस शख्सियत को जाना जाता है कनकभाई के नाम से. ये कनकभाई का ही प्रताप है कि ओमान में न केवल हिन्दुस्तानियों को बल्कि सारे हिन्दुस्तान को भी इज़्ज़त की नज़र से देखा जाता है. और तो और जरूरत पड़ने पर कनकभाई ओमान के सुल्तान की आर्थिक सहायता भी करते हैं. 


ओमान के सबसे बड़े व्यवसायी हैं कनकभाई 


ओमान की जानी-मानी हस्तियों में से एक कनकभाई का इस इस्लामी राष्ट्र के साथ 150 साल पुराना रिश्ता है. कनकभाई पीढ़ियों से ओमान में रहते आ रहे हैं. वे दुनिया के इकलौते हिन्दू शेख हैं और यह उपाधि उन्हें खुद ओमान के सुल्तान द्वारा प्रदान की गई है. कनक भाई को ओमान में रह कर भी अपनी भारत भूमि से उतना ही प्रेम है जितना किसी भी भारतवंशी को हो सकता है. कनकभाई वैष्णव संप्रदाय से संबंध रखते हैं और ओमान की इस्लामी धरती पर सभी हिन्दू व्रत-त्यौहार न केवल मानते हैं बल्कि होली-दिवाली जैसे बड़े पर्व धूम-धाम से मनाते भी हैं. 



रामदास ग्रुप ऑफ़ कम्पनीज़ के चेयरमैन हैं कनकभाई 


मूल रूप से गुजरात के कच्छ के रहने वाले कनकभाई के परदादा भारत से ओमान में व्यापार करने गए थे. तब से इनका परिवार ओमान के सूर शहर में ही बस गया है. कनक भाई के परदादा रामदास ठाकरसी दुनिया के बड़े बंदरगाहों तक तेजी से माल पहुंचाने वाले दुनिया के बड़े व्यापारियों में एक थे. उनका व्यापार भारत से ओमान तक फैला हुआ था जहां वे भारत से ले जाकर अनाज, चाय और मिर्च-मसाला बेचा करते थे और साथ ही ओमान ले खजूर, ड्राय लाइम और लोबान ला कर भारत में बेचने का व्यावसाय करते थे. 


गुजरात ने किया दुनिया में देश का नाम


वो चाहे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी हों या कनकभाई, गुजरात की धरती के लाल दुनिया भर में भारत की शान बढ़ा रहे हैं. चाहे वह अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर का जैक्सन हाइट्स इलाका हो या लंदन का वेम्बली, गुजरातियों ने अपनी बस्तियां बना रखी हैं दुनिया के बड़े बड़े शहरों में. और इतना ही बड़ा सच ये भी है कि दुनिया का शायद ही कोई देश ऐसा हो जहां भारत के गुजराती न रहते हों. 


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