नई दिल्ली.   चीन न केवल हांगकांग के रास्ते अपना सामान भारत के बाज़ारों में लगातार भेज रहा है बल्कि कुछ और देश जैसे वियतनाम और बांग्लादेश आदि के माध्यम से भी अपना सामान भारत में भेज रहा हो सकता है. अब कड़ाई के साथ चीन के व्यापर से जुड़े उसके पड़ोसी देशों से आने वाले सामान पर नज़र रखनी होगी ताकि भारत की जनता द्वारा कड़ाई के साथ किया जा रहा चीनी सामान का बहिष्कार यथावत गतिशील बना रहे.


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हांगकांग के साथ बढ़ा व्यापार घाटा 


भारत की जनता के बहिष्कार के दौरान ही भारत की सरकार के कड़े रुख को ध्यान में रख कर चोर चीन ने अपने चरित्र को चरितार्थ किया. उसने अब अपना माल भारत भेजने के लिए हांगकांग का रास्ता अपनाया है. इस कारण जहां इस वित्त वर्ष 2019-20 में चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा कम हुआ है,  हांगकांग के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़ा हुआ देखा गया है.


वाणिज्य मंत्रालय हुआ सक्रिय 


चीन की ये चोर चाल पकड़ में आने के बाद भारत का वाणिज्य मंत्रालय तुरंत इस दिशा में जांच के लिए सक्रिय हो गया है. अब मंत्रालय हांगकांग के साथ बढ़ते व्यापार घाटे की समीक्षा कर रहा है जिससे हांगकांग रूट से आने वाले चीनी सामान की भी रोकथाम की जा सके.


चीन ने पकड़ा हांगकांग रुट 


भारत के निर्यात विशेषज्ञों ने इस बारे में चेताया है कि चीन और हांगकांग के साथ व्यापार की समग्रता को नज़र में रखना बड़ा जरूरी है. चीन से बढ़ते व्यापार घाटे को कम करने के लिए भारत पर फार्मा और दूसरी कुछ वस्तुओं के लिए दूसरे देशों के बाजार खोलने के लिए दबाव बन रहा था. इस स्थिति को ध्यान में रख कर चीन ने माल भेजने के लिए हांगकांग का रास्ता अपना लिया है. लेकिन भारतीय वाणिज्य मंत्रालय को जब निर्यातकों का यह इनपुट मिला तो तुरंत मंत्रालय ने हांगकांग से होने वाले आयात पर निगाहें सख्त कर ली हैं. इतना ही नहीं दूसरे उन सभी राष्ट्रों पर भी सरकार सावधान हो गई है जहां से चीन का माल भारत आ सकता है.


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