नई दिल्ली.  अजब किस्म का रहस्य है यह व्यक्ति जिसने हवा में ही अपने अपराध को अंजाम दिया और हवा से ही गायब हो जाने का अपना रास्ता भी ढूंढ लिया. आते हुए तो इसको सबने देखा था लेकिन जाते हुए इसे कोई नहीं देख पाया.


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पचास साल पहले की है बात


ये घटना हुई है अमेरिका में और वो साल था 1971 का जब अमेरिका के एक हवाईअड्डे पर सूट-बूट पहन कर एक बना ठना इन्सान काले रंग का बैग ले कर आया. यहां टिकट काउन्टर पर पहुंच कर उसने   सीएटल जाने वाली फ्लाइट का एक टिकट खरीदा. काउन्टर लेडी द्वारा नाम पूछने पर इस व्यक्ति ने अपना नाम डैन कूपर बताया लेकिन यह उसका असली नाम नहीं था. किन्तु आज तक इस इन्सान को डीबी कूपर के नाम से ही याद किया जाता है.  



 


बोईंग 727 पर हुआ सवार 


सिएटल का टिकट लेकर यह रहस्यमय सज्जन  अपनी फ्लाइट लेने के लिए चल दिए और जा कर सवार हो गए बोइंग 727 पर जिसका टिकट उनकी जेब में था. ये भी एक संयोग था कि जहां ये व्यक्ति बैठा था वह इस हवाई जहाज की सबसे पीछे वाली सीट थी. इस सूटेड बूटेड सवारी ने अपना बैग ऊपर बैग वाले स्थान पर न रख कर अपने पास ही रख लिया था.  



 


वो कागज़ का एक टुकड़ा 


इस फ्लाइट के एयरपोर्ट से टेकऑफ करने के बाद डीबी कूपर ने देर नहीं लगाईं और फ्लाइट अटेंडेंट को बुला कर उसके हाथ में एक कागज का टुकड़ा थमा दिया. उस कागज पर जो लिखा था उसे देख कर फ्लाइट अटेंडेंट बुरी तरह चौंक गई. इस कागज पर लिखा था - मेरे पास बम है !



 


बैग में था बड़ा बम 


फ्लाइट अटेंडेंट को विश्वास हो जाए इसलिये कूपर ने अपने बैग की जिप खोली और अटेंडेंट ने उसमें एक बड़ा बम रखा देखा. अब कूपर ने उसे कहा कि इस जहाज को पास के एयरपोर्ट पर उतारो और जितनी देर इसमें ईंधन भरा जाए उतनी देर में इसमें दो लाख डॉलर और चार पैराशूट मेरे लिए मांगा लिए जाएँ.



 


पायलट ने दी सूचना           


कूपर ने ख़ामोशी से फ्लाइट हाईजैक कर ली थी और ये सूचना अटेंडेंट ने पायलट को दी जिसने सिएटल के एयर ट्रैफिक कंट्रोल को सूचना देते हुए कूपर की मांगों के बारे में भी बताया. तुरंत पुलिस से लेकर एफबीआई हरकत में आ गई. 



 


दे दी फिरौती 


यात्रियों की जान बचाने के लिए अमेरिकी सरकार ने कूपर की मांगें मान लीं और दो लाख डॉलर से भरे बैग जहाज में उसके पास में पहुंचा दिए गए. लेकिन बात यहां खत्म नहीं हो गई. अब जब कूपर की मांगें मान ली गईं थीं तब उसने पायलट को विमान उड़ाने का निर्देश दिया और कहा कि जहाज़ को मैक्सिको ले चलो. रात का समय था अमेरिकी एयरफोर्स ने भी अपने दो जहाज़ उसके पीछे लगा दिए थे और लैंडिंग के समय कूपर को पकड़ने की योजना बना ली गई थी. 



 


सबको भेजा पायलट रूम में


हवा में ही कूपर ने सभी लोगों को पायलट रूम में जाने का आदेश दिया और कहा कि दरवाज़ा अंदर से बंद कर लो. इसके कुछ ही देर बाद पायलट ने जहाज़ के भीतर हवा के दबाव में फर्क महसूस किया. को-पायलट ने जा कर देखा तो जहाज़ का दरवाजा खुला पाया. दरवाजा बंद करके देखा गया तो कूपर जहाज़ में कहीं नज़र नहीं आया. कूपर जा चुका था. 


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