नई दिल्लीः दुनिया भर के लोग इस वक्त कोरोना से उपजी दहशत के जद में हैं. खौफ इतना है कि हर पल लोग यही सोच रहे हैं कि आगे क्या होगा. बचाव, लोगों से अलगाव और डर के बीच दुनियाभर में लॉकडाउन की स्थिति है. चीन का वुहान शहर तो भुतहा सा लगता है तो इटली-ईरान में भी कमोबेस यही हालात हैं. हालांकि सरकारें लोगों से तनाव न लेने और दहशत में न आने की अपील कर रही हैं, फिर भी कोरोना से डरने और डराने वाले कई ऐसे वाकये सामने आ रहे हैं, जिन्हें सुनते ही कलेजा मुंह को आता है. 


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दिल्लीः जापान-इटली से आया था बेटा, मां की हो गई मौत 
दिल्ली में 68 साल की जिस वृद्धा की मौत हुई है, उनका बेटा जापान, जेनेवा और इटली से आया था. वह संक्रमित थे और यही एक बड़ा दुख है कि उनसे यह संक्रमण उनकी बूढ़ी मां को हो गया. हालांकि अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि मृतक महिला की स्थिति शुरू से ही खराब थी और वह वेंटिलेटर पर थीं. इसकी वजह से इलाज के बाद भी महिला को बचा पाने में डॉक्टर सफल नहीं हो पाए. उनमें कोरोना वायरस की पुष्टि दिल्ली सरकार की तरफ से गुरुवार को की गई थी. इसी में यह बताया गया था कि महिला में यह संक्रमण उसके बेटे से पहुंचा है. बेटा भी भर्ती है, लेकिन उनकी हालत स्थिर बनी हुई है. 


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अंतिम सरकार के लिए किया मना
इस परिवार की दूसरी बड़ी चिंता और दुख है कि अब वह अंतिम संस्कार की प्रक्रिया नहीं कर पा रहे हैं. दिल्ली में कोरोना से हुई मौत के मामले में पीड़ित परिवार जब शनिवार को निगमबोध घाट पर उनके अंतिम संस्कार के लिए गया तो उन्हें रोक दिया गया. महिला के परिजनों ने जब लोधी रोड स्थित श्मशान घाट से संपर्क किया तो वहां से भी उन्हें मना कर दिया गया. इसके पहले परिवार को यही चिंता था कि वृद्धा का शव उन्हें अंतिम संस्कार के लिए मिलेगा भी या नहीं. हालांकि बाद में मेडिकल अफसरों की मौजूदगी में निगमबोध घाट पर ही उनका अंतिम संस्कार किया गया. 


केरलः पिता की मौत हो गई, मैं उन्हें देख भी नहीं पायाः एक बेटा
कोरोना वायरस के कहर से उपजा केरल का यह वाकया सुनकर दिल टूक-टूक करके रह जाता है. दर्द भरे यह कहानी एक शख्स की है जो कतर से लौटा था और संक्रमण के शक में अपने पिता अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सका. थोडुपुझा के मूल निवासी ने फेसबुक के जरिए अपने दर्द को बयां किया है. शख्स कतर में एक निजी फर्म में काम करता है. उनका परिवार मध्य केरल के थोडुपुझा क्षेत्र के पास अलैकोड गांव में रहता है. शख्स ने लिखा, कि 7 मार्च को मुझे मेरे भाई ने गिरने के कारण चोटिल हुए पिता के बारे में बताया था. 


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वीडियो कॉल से देखा अंतिम संस्कार के लिए जाते हुए पिता का शव
केरल में कोरोना के फैलने की जानकारी थी, ऐसे में घर पहुंच पाने को लेकर आशंका थी. हालांकि भारत पहुंचने पर जांच के बाद मुझे होम टाउन जाने की अनुमित दी गई. मैं अस्पताल तो पहुंच गया, लेकिन वहां जाकर मुझे खांसी व गले में खुजली शुरू हो गई. सुरक्षा को देखते हुए मैं कोट्टायम मेडिकल कॉलेज में कोरोना सेल में डॉक्टर से मिला. डॉक्टर ने मुझे तुरंत आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया.



आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट होने के बाद एक रात मेरे पिता की दौरा पड़ने से मौत हो गई. स्थिति इतनी खराब थी कि वीडियो कॉल के जरिए मैं परिवार वालों को रोता-बिलखता देखता रहा. जब पिता के शरीर को लाया गया तो आखिरी बार भी उन्हें वीडियो कॉल से ही देखा. वे उन्हें अंतिम संस्कार के लिए ले गए, और मैं आइसोलेशन वार्ड में ही तड़पता रह गया. 


इटलीः दो दिन से बहन के शव के साथ है युवक, क्या करे समझ नहीं आ रहा
वुहान से निकलकर कोरोना ने इटली में सबसे अधिक कहर मचाया हुआ. यहां भी कई इलाकों में तालाबंदी है और लोगों के बाहर निकलने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. इटली के युवक ने इस बीच बेहद मार्मिक वीडियो बनाकर दुनिया से अपना दर्द साझा किया है. इस पीड़ित युवक का नाम लूका फ्रेंजी है. लूका ने सोशल मीडिया पर बताया है कि वह दो दिन से अपनी बहन के शव के साथ घर में कैद है.



बहन की मौत कोरोना से हुई है. लूका कहना है कि क्या करूं कुछ समझ नहीं आ रहा है. मैं उसका अंतिम संस्कार नहीं कर सकता, क्योंकि मैं अकेला हूं. इस वीडियो में पीछे बिस्तर पर पड़ा हुआ उसकी बहन का शव भी दिखाई दे रहा है.